पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | लगता है अपराधियों पर से पुलिस का खौफ ख़त्म होता जा रहा है. पटना या आसपास के इलाकों में बढ़ते अपराध को देखते हुए तो ऐसा ही प्रतीत होता है. पुलिस के खौफ ख़त्म होने का प्रत्यक्ष प्रमाण बुधवार को पटना के दानापुर थानांतर्गत दानापुर सिविल कोर्ट में देखने को मिला जहां अपराधियों ने एक पुलिस वाले की ही हत्या कर दी. शहीद सिपाही प्रभाकर राज को गुरुवार की सुबह पटना पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया जिसमें डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, जोनल आईजी और एसएसपी समेत कई आला अधिकारी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि बुधवार को दानापुर सिविल कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए चार कैदियाें काे भगाने के लिए अपराधियाें ने अंधाधुंध फायरिंग की. ताबड़ताेड़ हाे रही गाेलीबारी के बीच भाग रहे एक कैदी ने ही कोर्ट के गार्ड प्रभाकर राज (35) काे कनपट्टी में गोली मारकर दी जिसकी मौके पर ही मौत हो गई.
घटना बुधवार लगभग शाम करीब पौने पांच बजे की है. दानापुर में हुई एक लूट के मामले में पेशी के लिए बुधवार दिन के करीब 12 बजे बेउर जेल से चार कैदियों बब्लू कुमार, मेराज उर्फ मन्ना, मेराज उर्फ रिंकू और रोहित कुमार को लाया गया था. कोर्ट में पेशी के बाद इन चरों को जब बस पर चढ़ाया जा रहा था, उसी समय कोर्ट परिसर में पहले से मौजूद तीन-चार अपराधियों ने चार-पांच राउंड फायरिंग की ताकि वहां खौफ पैदा हो सके और कैदियों को आसानी से भगाया जा सके. गोलीबारी होने से वहां अफरातफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. इसी समय चारों कैदी फरार होने लगे. उन कैदियों में से एक कैदी रिंकू भागकर कोर्ट के मेन गेट के पास आ गया. मेन गेट पर तैनात सिपाही प्रभाकर राज ने रिंकू को पकड़ने की कोशिश की. इसी क्रम में रिंकू ने प्रभाकर को कनपटी में गोली मार दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. अपने सिपाही दोस्त को गोली लगा देख वहां उपस्थित अन्य सिपाहीगण सकते में आ गए. इस बीच गोली मारने के बाद कैदी रिंकू वहां से भागने लगा. जब लोगों ने ललकारा तब उन सुरक्षाकर्मियों ने रिंकू को दबोच लिया. अन्य तीन कैदियों को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया.
गौरतलब है कि दानापुर सिविल कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए चार कैदियाें काे भगाने के लिए अपराधियाें ने अंधाधुंध फायरिंग की. ताबड़ताेड़ हाे रही गाेलीबारी के बीच भाग रहे एक कैदी ने ही कोर्ट के गार्ड प्रभाकर राज काे कनपट्टी में गोली मारकर दी जिसकी मौके पर ही मौत हो गई.
घटना बुधवार लगभग शाम करीब पौने पांच बजे की है. दानापुर में हुई एक लूट के मामले में पेशी के लिए बुधवार दिन के करीब 12 बजे बेउर जेल से चार कैदियों बब्लू कुमार, मेराज उर्फ मन्ना, मेराज उर्फ रिंकू और रोहित कुमार को लाया गया था. कोर्ट में पेशी के बाद इन चरों को जब बस पर चढ़ाया जा रहा था, उसी समय कोर्ट परिसर में पहले से मौजूद तीन-चार अपराधियों ने चार-पांच राउंड फायरिंग की ताकि वहां खौफ पैदा हो सके और कैदियों को आसानी से भगाया जा सके. गोलीबारी होने से वहां अफरातफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. इसी समय चारों कैदी फरार होने लगे. उन कैदियों में से एक कैदी रिंकू भागकर कोर्ट के मेन गेट के पास आ गया. गेट पर तैनात सिपाही प्रभाकर राज ने रिंकू को पकड़ने की कोशिश की. इसी क्रम में रिंकू ने प्रभाकर को कनपटी में गोली मार दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. बहादुर सिपाही प्रभाकर राज ने कनपटी पर गोली लगने के बावजूद अपने साथी सिपाही मनोज की मदद से गोली मारने वाले अपराधी मिराज उर्फ़ रिंकू को धर-दबोचा जबकि उसको मदद करने वाले साथी फरार हो गए. रिंकू के पास से पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद कर लिया. शहीद सिपाही मूल रूप से पूर्वी चंपारण के लखौरा थाना क्षेत्र के पकड़िया गांव का रहने वाला था. अपने सिपाही दोस्त को गोली लगा देख वहां उपस्थित अन्य सिपाहीगण सकते में आ गए. इस बीच गोली मारने के बाद कैदी रिंकू वहां से भागने लगा. जब लोगों ने ललकारा तब उन सुरक्षाकर्मियों ने ऑटो की पिछली सीट पर भागते हुए अपराधी रिंकू को लगभग 200 मीटर खदेड़ कर दबोच लिया. अन्य तीन कैदियों को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया.
बताया जाता है कि कोर्ट में पेशी के बाद ही मन्ना और रिंकू गिरोह के गुर्गे ने रिंकू को देसी पिस्टल थमा दी थी जिसकी भनक वहां उपस्थित सुरक्षाकर्मियों को नहीं लगी. रिंकू ने उस लोडेड देसी पिस्टल कमर में रख ली. इसके बाद पहले से तय योजना के तहत उसके गुर्गों ने कोर्ट के मेन गेट के पास फायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद पूरी घटना घट गई. जिन गुर्गों ने पहले फायरिंग की वे सभी अपराधी फुलवारीशरीफ के हैं.