दिल्ली (अनुभव सिन्हा की कलम से)। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का शह-मात का खेल जारी है और प्रथम द्रष्टतया भाजपा का पलड़ा भारी लगता है. लेकिन पीएनबी घोटाले में ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जिनसे यह बात पुष्ट होती है कि भाजपा आज नहीं तो कल बैकफुट पर आ जायेगी.
मामला मेहुल चोकसी की मेसर्स गीतांजलि जेम्स लिमिटेड से जुड़ा है. इस कंपनी ने “चैम्बर्स ऑफ़ जेटली एण्ड बख्शी” (लॉ फर्म) से कानूनी मदद लेने के लिए दिसम्बर 2017 में सम्पर्क किया था और मोटी धनराशि दी थी. यह लॉ फर्म केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की बेटी सोनाली जेटली और दामाद जयेश बख्शी की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएनबी घोटाले में वित्त मंत्री पर सीधा हमला बोला है और उस तथ्य को सामने लाया है जो ऑन रिकार्ड है. पीएनबी घोटाले के उजागर होने के बाद सीबीआई ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के कई ठिकानों पर छापे तो मारे ही थे, उनको कानूनी सहायता पहुंचाने वाली लीगल फर्मों पर भी छापा मारा था. लेकिन सीबीआई ने चैम्बर्स ऑफ़ जेटली एण्ड बख्शी की तरफ रूख ही नहीं किया. यह संदेह पैदा करने वाला प्वाइंट था जिसे पीएनबी घोटाले पर वित्त मंत्री की चुप्पी ने और गहरा बना दिया. राहुल गांधी ने इसी बात को उठाया है. आखिर सीबीआई ने चैम्बर्स ऑफ़ जेटली एण्ड बख्शी पर रेड क्यों नहीं डाली? इसका कोई जवाब अभी तक वित्त मंत्री की ओर से नहीं आया है.
लेकिन इस खबर को सामने लाने वाले न्यूज पोर्टल “द वायर” ने इस सिलसिले में चैम्बर्स ऑफ़ जेटली एण्ड बख्शी से ईमेल से सम्पर्क किया और जानकारी मांगी. “द वायर” को दी गई जानकारी यह बताती है कि “गीतांजली जेम्स लिमिटेड” ने कानूनी सलाह लेने के लिए उनसे सम्पर्क किया और उनकी फीस भी अदा कर दी, लेकिन कोई “काम” नहीं सौंपा था. लॉ फर्म ने “द वायर” को बताया कि उनके पैसे हमारे पास थे जबकि उनकी तरफ से कोई काम सौंपा नहीं गया था, इसी बीच घोटाले की खबर आई और उसकी गम्भीरता को देखते हुए हमने जनवरी 2018 में ही “एकतरफा” उस कम्पनी से अपना करार समाप्त करते हुए उनकी दी हुई धनराशी उन्हें वापस लौटा दी. पैसे उन्हें बैंक के जरिए भेजे गए. लेकिन राहुल गांधी का सवाल दूसरा है. सीबीआई ने “चैम्बर्स ऑफ़ जेटली एण्ड बख्शी” पर रेड क्यों नहीं की? राहुल का इशारा साफ है कि चूंकि “चैम्बर्स ऑफ़ जेटली एण्ड बख्शी” वित्त मंत्री की बेटी का है इसलिए सीबीआई ने वहां रेड नहीं डाली. बताते चले कि पिछले महीने साइरिल अमरचंद मंगलदास के मुंबई स्थित दफ्तर पर पीएनबी फ्राड से जुड़ी जांच के क्रम में सीबीआई टीम द्वारा छापा डाला गया था. गौरतलब है कि स्कैम सामने आने के कुछ ही महीने पहले ही इस कंपनी को भी काम मिला था…….और, इस आरोप का खण्डन अभी तक न तो वित्त मंत्री के स्तर से और न ही सीबीआई के स्तर से ही किया गया है. इसलिए राहुल गांधी का आरोप अपनी जगह पर स्टैण्ड कर रहा है और आज तीन लोकसभा और दो विधानसभा उपचुनावों के परिणाम आने के बाद मुमकिन है इस पर राजनीति और तेज हो. परंतु राजनीतिक आरोपों से अलग कानूनी पक्ष पर यदि गौर किया जाए तो “द वायर” को जो जानकारी “जेटली एण्ड बख्शी लॉ फर्म” से मिली और यदि वही सच है तब ऐसा लगता है कि राहुल गांधी का यह आरोप भी एक बार फिर टाये-टाये फिस्स ही साबित होगा.