भारत लौटे पीएम, दुनिया को दिया पंचामृत

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है, पहले नंबर पर चीन है, फिर अमेरिका

जलवायु परिवर्तन पर भारत का ‘बड़ा’ एलान- 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य




जलवायु परिवर्तन पर पंचामृत की सौगात देना चाहता हूं- नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी का पंचामृत
– वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा
– भारत, 2030 तक अपनी जीवाश्म रहित ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा
– भारत, 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतें, रिन्यूएबल एनर्जी से पूरी करेगा
– भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक अरब
टन की कमी करेगा
– 2030 तक भारत, अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत
से भी कम करेगा


ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत 2070 तक कार्बन उत्सर्जन पर नेट जीरो लक्ष्य हासिल कर लेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने ये अहम एलान ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर शिखर सम्मेलन के पहले दिन किया. उन्होंने कहा कि मैं भारत की ओर से,इस चुनौती से निपटने के लिए पांच अमृत तत्व रखना चाहता हूं, पंचामृत की सौगात देना चाहता हूं. पीएम मोदी ने पर्यावरण हित के लिए उठाए गए भारत के फैसलों का जिक्र किया, वहीं उन्होंने पूरी दुनिया को भी पेरिस एग्रीमेंट की याद दिलाई. भारत अकेला ऐसा देश है जिसने पेरिस एग्रीमेंट के वक्त किए गए वादों को पूरा किया.पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान वन वर्ड मूवमेंट शुरू करने का प्रस्ताव रखा. वो एक शब्द है- लाइफ. “लाइफ स्टाइल फॉर इन्वायरमेंट” सबके लिए जरुरी है उन्होंने इस मंत्र के जरिए पूरी दुनिया को महात्मा गांधी की बड़ी सीख याद दिला दी है. उन्होंने कहा की महात्मा गांधी पर्यावरण की रक्षा तो चाहते ही थे साथ ही साथ इसे एक जन
आंदोलन का रूप देना चाहते हैं.जो आज पूरे विश्व के लिए जरूरी है.

भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात करते पीएम नरेन्द्र मोदी


पीएम के इस संकल्प को बहुत बड़ी बात माना जा रही  है क्योंकि भारत ने पहली बार नेट ज़ीरो के लक्ष्य को लेकर कोई निश्चित बात की है.नेट जीरो का मतलब होता है कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को पूरी तरह से ख़त्म कर देना जिससे कि धरती के वायुमंडल को गर्म करने वाली ग्रीन हाउस गैसों में इस वजह से और वृद्धि नहीं हो पाएगी. जलवायु परिवर्तन पर आयोजित सम्मेलन में 120 से ज़्यादा नेता उपस्थित थे
आपको बता दें, कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है, पहले नंबर पर चीन है, फिर अमेरिका. यूरोपीय संघ को एक साथ लेने पर भारत की गिनती चौथे नंबर पर होती है.वर्ष 2019 में भारत ने प्रति व्यक्ति के हिसाब से 119 टन उत्सर्जन किया था. वहीं इस वर्ष अमेरिका के लिए ये आँकड़ा 1515 टन और रूस के लिए 1215 टन था.चीन ने वर्ष 2060 तक इस लक्ष्य को हासिल करने का ऐलान किया हुआ है. अमेरिका और यूरोपीय संघ इसे 2050 तक हासिल कर लेना चाहते हैं.

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By pnc

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