पीएम मोदी ने दिया ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ का मंत्र




जी 20 समिट के पहले दिन ही साझा घोषणा पत्र पर सहमति

दुनिया में भरोसे का संकट पैदा हुआ: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने नई दिल्ली डिक्लेरेशन पास किया

भारत की पहल पर अफ्रीकन यूनियन जी 20 मेंबर बना

मेंबरशिप मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को होगा फायदा

नई दिल्ली में जारी जी 20 समिट के पहले दिन ही साझा घोषणा पत्र पर सहमति बन गई है. शनिवार को दूसरे सेशन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने बतौर अध्यक्ष यह जानकारी दी. उन्होंने सभी सदस्य देशों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पाारित कर दिया. भारत के जी 20 शेरपा अमिताभ कांत ने बताया कि डिक्लेरेशन में सभी जियोपॉलिटिकल और विकास के मुद्दों पर सर्वसम्मति बनी है. समिट के पहले सेशन में भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी 20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा था. बतौर अध्यक्ष सभी देशों की सहमति से पीएम मोदी ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी जाकर पीएम मोदी के गले लग गए. भारत के प्रस्ताव का चीन और यूरोपियन यूनियन ने भी समर्थन किया. यूनियन को मेंबरशिप मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा.

पीएम मोदी ने यूक्रेन विवाद, चीन-अमेरिका तनाव और कुछ दूसरे संकटों से विश्व में आपसी विश्वास में आई कमी को उठाया और संदेश दिया कि जब विश्व कोरोना को  हरा सकता है तो, आपसी विश्वास पर आए संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकता है. बतौर अध्यक्ष भारत ने जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर यह संदेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ा है कि वह वैश्विक मंच पर सफल नेतृत्व की क्षमता रखता है. पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है. युद्ध ने इस ट्रस्ट डेफिसिट को गहरा किया है. आज जी 20 के प्रेसिडेंट के तौर पर पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिल कर सबसे पहले ग्लोबल ट्रस्ट डिफिसिट को एक विश्वास. एक भरोसे में बदलें. यह वैश्विक भलाई के लिए हम सभी के मिल कर चलने का समय है.इसके साथ ही, पीएम ने यह भी साफ तौर पर बताया कि विश्वास का संकट कहां-कहां है और इसे दूर करना क्यों जरूरी है. मोदी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल, उत्तर व दक्षिण का विभेद, पूर्व और पश्चिम की दूरी, खाद्य, ईंधन व उर्वरक प्रबंधन, आतंकवाद व साइबर सुरक्षा, हेल्थ, ऊर्जा और जल-सुरक्षा को लेकर चुनौतियां हैं. इन चुनौतियों के ठोस समाधान की तरफ बढ़ना ही होगा.

पीएम ने कहा कि कोरोना के बाद विश्व में विश्वास का संकट पैदा हो गया है. युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है. जब हम कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा से विश्वास के इस संकट को भी दूर सकते हैं. ये सभी के साथ मिलकर चलने का समय है. संकट के इस समय में दुनिया हमसे नए समाधान मांग रही है. इसलिए हमें अपना हर दायित्व निभाते हुए आगे बढ़ना है.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संकट के इस समय में दुनिया हमसे नए समाधान मांग रही है. इसलिए हमें अपना हर दायित्व निभाते हुए आगे बढ़ना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम जिस जगह इकट्ठा हुए हैं, यहां कुछ किमी दूर ढाई हजार साल पुराना स्तंभ है. इस पर प्राकृत भाषा में लिखा है कि मानवता का कल्याण सदैव सुनिश्चित किया जाए. ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने यह संदेश पूरी दुनिया को दिया था. 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला है.पीएम नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के पहले दिन दोपहर बाद तकरीबन 3:30 बजे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बनिजी, जापान के पीएम फुमियो किशिदा, चीन के पीएम ली चियांग, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज लुला डी सिल्वा जैसे दिग्गज वैश्विक नेताओं के समक्ष इस बात का ऐलान किया.

दिल्ली घोषणा पत्र पर इतिहास रचा गया

जी-20 शिखर सम्मेलन में शनिवार को ‘नई दिल्ली घोषणा पत्र’ पर सदस्य देशों के बीच सहमति बन गई है. इस सहमति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 देशों का आभार जताया. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली घोषणा पत्र को अपनाने के साथ ही इतिहास रचा गया. नई दिल्ली घोषणा पत्र को अपनाने के साथ इतिहास रचा गया. सर्वसम्मति और भावना से एकजुट होकर हम बेहतर, अधिक समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण भविष्य के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जी-20 सदस्यों के समर्थन और सहयोग के लिए सभी साथियों को मेरा धन्यवाद. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में नेताओं से कहा था कि मित्रों, हमें अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीम की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण नई दिल्ली घोषणा पत्र पर आम सहमति बनी है. सनद रहे कि जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा सहित अन्य नेतागण मौजूद रहे.

पीएम मोदी ने दिया ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ का मंत्र

दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहा जी-20 शिखर सम्मेलन का पहला सत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वन अर्थ विषय पर जी20 शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र में भाषण दिया. मानव केंद्रित विकास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, जिस पर भारतीय संस्कृति ने हमेशा जोर दिया है. उन्होंने आगे कहा कि यह एक पृथ्वी की भावना का साथ ही है कि भारत ने लाइफ मिशन जैसी पहल पर काम किया है, अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष पर जोर दिया है, ग्रीन ग्रिड पहल शुरू की है- एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड, प्रयुक्त सौर ऊर्जा, प्राकृतिक खेती और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को प्रोत्साहित किया.

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि युद्ध ने ट्रस्ट डेफिसिट को और गहरा किया है. हम सब मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को एक विश्वास और एक भरोसे में बदलें. ये सबको साथ मिलकर चलने का समय है. उन्होंने सभी देशों को ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ का मंत्र दिया और कहा कि यह हम सब के लिए पथ प्रदर्शक बन सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता देश के भीतर और देश के बाहर समावेशी का सबका साथ का प्रतीक बन गई है. उन्होंने कहा कि करोड़ों लोग जी20 से जुड़े हैं और भारत में यह लोगों का जी 20 बन गया. 60 शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें हुईं.

इकोनॉमिक कॉरिडोर को मंजूरी, भारत-यूएस समेत 8 देश होंगे शामिल

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन कई अहम फैसले लिए गए हैं. इनमें से ही एक फैसला इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर लिया गया है. इकोनॉमिक कॉरिडोर में भारत, फ्रांस, अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई, इटली, जर्मनी और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं.सू त्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन में सहमति बनी है कि भारत, मिडिल ईस्ट और यूरोप के बीच इकोनॉमिक कॉरिडोर जल्द ही शुरू किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि इस कॉरिडोर में भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका शामिल है. सूत्रों ने कहा कि यह कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर सहयोग के लिए अपनी तरह की पहली पहल है.

जी20 समिट के दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया

भारत मेंजी20 समिट के तहत बैठकों का दौर जारी है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पहले सत्र की शुरुआत हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने दुनिया के सामने कुछ सुझाव रखे. उन्होंने कहा, ‘समय की मांग है कि सभी देश फ्यूल ब्लेंडिंग के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करें. हमारा प्रस्ताव है कि पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग को ग्लोबल स्तर पर 20 परसेंट तक ले जाने के लिए इनिशिएटिव लिया जाए.या फ़िर, ग्लोबल गुड  के लिए हम कोई और ब्लेंडिंग मिक्स निकालने पर काम करें, जिससे एनर्जी सप्लाई बनी रहे और क्भीलाइमेट  सुरक्षित रहे. इस सन्दर्भ में, आज हम ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस  लॉन्च कर रहे हैं. भारत आप सबको इससे जुड़ने के लिए आमंत्रित करता है.’वन अर्थ’ पर जी20 शिखर सम्मेलन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 सैटेलाइट मिशन शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा और नेताओं से ग्रीन क्रेडिट पहल पर काम शुरू करने का आग्रह किया. मोदी ने कहा कि वैकल्पिक रूप से हम व्यापक वैश्विक भलाई के लिए एक और फ्यूल ब्लेंडिंग डवलप करने पर काम कर सकते हैं,जो फिक्स्ड एनर्जी सप्लाई सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्लाइमेट सुरक्षा में भी योगदान देता है.

जी 20 में देश के नाम की पट्‌टी पर इंडिया के जगह भारत

नई दिल्ली में आज से जी 20 समिट शुरू हो गई है. इस इवेंट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में जब उद्घाटन भाषण दिया, तो जो तस्वीर सामने आई उसने सबका ध्यान खींचा. पीएम मोदी के आगे देश का नाम इंडिया नहीं भारतलिखा था.ये पहला मौका है जब किसी इंटरनेशनल इवेंट में प्रधानमंत्री की सीट के सामने देश का नाम इंडिया नहीं लिखा गया है. पिछली जी 20 बैठक इंडोनेशिया के बाली में 14 से 16 नवंबर को हुई थी. तब पीएम मोदी के आगे देश का नाम इंडिया ही लिखा था.इस मौके पर स्मृति ईरानी ने पीएम की तस्वीर शेयर करके कहा- उम्मीद और विश्वास का नाम- भारत.

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By pnc

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