प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करेंसी नोटों की आपूर्ति एवं उपलब्धता की समीक्षा की बैठक की. बैठक आधी रात के बाद तक चलती रही. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त एवं कंपनी मामले मंत्री अरूण जेटली, केंद्रीय शहरी विकास एवं सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू, केंद्रीय कोयला एवं बिजली राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल एवं केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार के अलावा और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर एवं डिप्टी गवर्नर वित्त मंत्रालय के सभी सचिव एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया.
बैठक में नोटों की आपूर्ति एवं उपलब्धता के बारे में ताजा स्थिति की समीक्षा की गई एवं बैंकिंग संवाददाताओं (बीसी), डाकघरों, एटीएम, बैंकों एवं ई-पेमेंट प्रणालियों के नेटवर्कों के द्वारा नकदी बांटने को और सक्रिय बनाने के लिए कुछ निर्णय लिए गए. आम जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित निर्णय भी लिए गए.
बैंक प्रत्येक बीसी के लिए नकदी रखने की सीमा को कम से कम 50,000 रूपये तक बढ़ाएंगे. बैंक उपयुक्त मामलों में उच्चतर सीमा की भी अनुमति देंगे.
बैंक बीसी की आवश्यकता के अनुसार एक दिन में कई बार बीसी की नकदी की पुन: पूर्ति करेंगे.बीसी की ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक उपस्थिति है. कुल मिला कर, देश में 1.2 लाख बीसी व्यापक उपस्थिति है. उपरोक्त निर्णय बैंकों को ग्रामीण क्षेत्रों में खातों से विनिमय (एक्सचेंज) एवं नकदी की निकासी में व्यापक पहुंच सुलभ कराने में सहायता देंगे.
डाक नेटवर्क
देश में लगभग 1.3 लाख डाकघर शाखाएं हैं. डाक खातों से नकदी निकासी को सुगम बनाने के लिए डाकघर शाखाओं में नकदी की आपूर्ति को बढ़ाने का निर्णय किया गया है.
उल्लेखनीय है कि 1.2 लाख बीसी एवं 1.3 लाख डाकघर शाखाओं को और सक्रिय बनाया जा रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 2.5 लाख स्थान नकदी का वितरण करने तथा बैंक खातों से नकदी निकासी के लिए उपलब्ध हो जाएंगे.
एटीएम नेटवर्क
एटीएम को दुरूस्त कराने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर की अध्यक्षता में एक कार्यबल की स्थापना की जा रही है, जिसमें बैंकों एवं वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह कार्यबल कार्य योजना तैयार करेगा एवं एटीएम के शीघ्र अंशांकन के लिए इस कार्य योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा, जिससे कि उन्हें 500 एवं 2000 रूपये के नए बैंक नोट वितरित करने में सक्षम बनाया जा सके.
इस बीच, एटीएम के लिए लागू नकदी सीमा तक डेबिट/क्रेडिट कार्ड से संबंधित नकदी बांटने के लिए सूक्ष्म एटीएम भी स्थापित किए जाएंगे.
बैंकों का नेटवर्क एवं पहुंच
प्रति सप्ताह 20,000 रूपये की निकासी सीमा को बढ़ाकर 24,000 कर दिया गया है. प्रति दिन 10,000 रूपये की निकासी सीमा समाप्त कर दी गई है.
पुराने 500 एवं 1000 रूपये के नोट के बदले काउंटर एक्सचेंज के लिए 4000 रूपये की सीमा को बढ़ाकर 4500 रूपये कर दी गई है.
एटीएम को लगातार दुरूस्त बनाया जा रहा है, उनके दुरूस्त हो जाने पर ऐसे एटीएम की नकदी सीमा प्रति निकासी 2500 रूपये तक बढ़ा दी जाएगी.
चालू खाता रखने वाले व्यवसायिक संस्थान जो पिछले तीन महीनों या इससे अधिक समय से परिचालन में है, को प्रति सप्ताह 50,000 रूपये की निकासी की अनुमति दी जाएगी.
जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के पास पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे कि वर्तमान खातों से निकासी को सुगम बनाया जा सके.
ई-भुगतान
केंद्र सरकार के सभी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को अधिकतम संभव सीमा तक ई-भुगतान की विधि का उपयोग करने के निर्देश दिए जा रहे हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को 31 दिसंबर, 2016 तक नेशनल फिनेंशियल स्विच (एनएफएस) के माध्यम से निपटाए गए लेन-देन पर अपने ट्रांजेक्शन शुल्कों को माफ करने की सलाह दी है.
बैंकों को भी उनके द्वारा लगाए गए इस प्रकार के प्रभारों को माफ करने की सलाह दी गई है.
जनता की सुविधा के लिए व्यवस्था
बैंकों को वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उनकी शाखाओं में अलग कतारों की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है.
पेंशनरों को नवंबर के महीने के दौरान वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है. इस समय सीमा को बढ़ाकर 15 जनवरी, 2017 कर दिया गया है.
कुछ विशेष प्रकार के लेन-देनों के लिए पुराने 500 एवं 1000 रूपये के नोटों को स्वीकार करने के लिए वर्तमान छूटों को 14 नवंबर, 2016 की मध्य रात्रि से 24 नवंबर, 2016 की मध्य रात्रि तक बढ़ाया जा रहा है.आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्रणाली में पर्याप्त नकदी उपलब्ध है, इसलिए आम लोगों को किसी भी प्रकार से घबड़ाने की आवश्यकता नहीं है.