आरा, 23 सितम्बर. जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा का वक्तव्य कि जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता हेतु कटिबद्ध है, कहीं भी जमीनी स्तर से सही साबित नहीं हो रही है. सदर प्रखंड अंतर्गत पिरौटा पंचायत में बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई भी निरीक्षण के लिए नहीं आता और वहां बाढ़ के कहर से जन जीवन पूरी तरह अस्त – व्यस्त है. गरीब मजदूर किसान जान जोखिम में डालकर रोजाना कमाने के लिए शहर आते हैं और उनका परिवार इस परिस्थिति में भगवन भरोसे है. जिला प्रशासन की बड़ी-बड़ी बातें पिरौटा में झूठी साबित हो रही है ,यहां पर न तो कोई वाटर एम्बुलेंस है, न ही एक नाव, और न ही कोई सहायता करने वाला. दिन -प्रतिदिन बाढ़ का कहर बढ़ता ही जा रहा है और जिला प्रशासन कुंभकरनी नींद में मस्त है. जिलाधिकारी ने कहा था कि बाढ़ पीड़ितों हेतु सरकारी स्तर पर नि:शुल्क नाव की व्यवस्था की गई है पर सदर प्रखंड अंतर्गत पिरौटा पंचायत में कहीं भी कोई सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं है. जिलाधिकारी ने कहा था नाव की बिल्कुल निशुल्क व्यवस्था की गई है ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को दैनिक कार्य हेतु आने- जाने में सहूलियत हो परन्तु पिरौटा में आम -जन ,गरीब किसान अपने जान को जोखिम में डाल कर अपना दैनिक कार्य करने शहर आते है.
पिरौटा पंचायत के मुखिया ,मानती देवी के पति सह पूर्व मुखिया बिजय यादव ने लगातार जिला प्रशासन से बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुचाने के लिए आग्रह कर रहे हैं.
इधर जाप के जिलाअध्यक्ष डॉ ब्रजेश सिंह और युवा जिला अध्यक्ष रघुपति यादव ने पिरौटा पंचायत और आरा बड़हरा क्षेत्र गाँव प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए DDC, SDO, CO से टेलीफोन द्वारा बात करके नाव, त्रिपाल, मवेशियों का चारा, भोजन, मेडिकल टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में प्रबंधन करने की अपील किया है, पर जिला प्रशासन पता नहीं कौन सा निरक्षण कर रहे हैं कि पिरौटा पंचायत के मुखिया की गुजारिश , पीड़ित गरीब किसानो की सहमी आवाज, बच्चों का डर , गृहणियों की चिंता जिला प्रशासन तक नहीं पहुंच पा रही है.
आरा से सावन कुमार की रिपोर्ट