जी हां, केवल पंद्रह मिनट में सम्पन्न हो जाती है माता की डाली परिक्रमा जो पिछले 199 सालों से हर साल हो रही है. ये जगह है पटना का फुलवारीशरीफ जहां मान्यता है कि करीब 199 साल पहले महामारी से फुलवारी शरीफ और आस-पास के लोगों की जान बचाने के लिए पहली बार माता की डाली निकली थी.
इसके बाद इलाके के सभी लोग ठीक हो गए थे और तब से आज तक हर वर्ष डाली पूजा की परंपरा चली आ रही है . यह पूरी परिक्रमा इतनी इतनी तेजी से सम्पन्न हो जाती है कि लोगों को लगता है कि अभी भी जो जन समुद्र उनके आँखों के सामने से गुजरा वो किसी अलौकिक शक्ति की तरह था.
डाली पूजा को लेकर अति संवेदनशील और चौकस पुलिस प्रसासन सुबह से पूरी पूजा सम्पन्न होने तक मुस्तैदी से डटा रहा.
इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में एडिशनल एसपी पटना सह प्रभारी डीएसपी फुलवारी शरीफ राकेश दुबे , सीओ अरुण कुमार , बीडीओ शमशीर मल्लिक , दंडाधिकारी राजीव मोहन सहाय , फुलवारी इन्स्पेक्टर धर्मेन्द्र कुमार , खगौल थानेदार संजय कुमार पाण्डेय , जानीपुर थानेदार मोहन प्रसाद सिंह , बेउर थानेदार अलोक कुमार समेत नगर परिषद चेयरमैन आफताब आलम भी अपने तमाम वार्ड पार्षदों के साथ मुस्तैद दिखे. इससे पहले श्रद्धालुओं का मंदिर परिसर में विधि विधान से पुजारी जी ने पूजा कराया और डाली परिक्रमा के बाद प्रसाद का वितरण भी किया गया.
पटना से अजीत