आभासी दुनिया की सैर कर लोग सीख रहे हैं आपदाओं से बचाव के तरीके




आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के पैवेलियन में हर दिन हो रहा है कुछ नया

एआर, वीआर तकनीक के सहारे परवान चढ़ी जनजागरूकता की मुहिम

हरिहर क्षेत्र मेले में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पैवेलियन में उमड़ रहे युवा और महिलायें

सोनपुर, भगवानपुर, मुजफ्फरपुर की 11वीं कक्षा के छात्र पियूष कुमार सिंह हों, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे औरंगाबाद निवासी शशिकांत कुमार या महुआ (वैशाली) की आठवीं की छात्रा शुभांगीश्री, बुधवार का दिन इन सबके लिए यादगार बन गया. मौका था विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र, सोनपुर मेले में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का. पैवेलियन में सैकड़ों की भीड़ यहां रोज उमड़ रही. दरअसल, यहां साकार हो रहा आपदामुक्त, आपदाओं से सुरक्षित बिहार का सपना.

आपदाओं के प्रति आम लोगों को सतर्क और सचेत करने के उद्देश्य से प्राधिकरण अपने पैवेलियन में प्रतिदिन दर्जनों गतिविधियां संचालित करता है. उपलब्ध हर आधुनिक तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल प्राधिकरण की प्राथमिकता है. इसी कड़ी में अब 3डी एनिमेशन फिल्म और एआर, वीआर तकनीक भी जुड़ गई है. वीआर (वर्चुअल रियल्टी) डिवाइस की मदद से लोगों को आपदाओं के बारे में बताया जा रहा है. इस आभासी दुनिया की सैर पर निकलने को बेताब सिर्फ युवा ही नजर नहीं आए. हाजीपुर के रहनेवाले छह वर्षीय विवान सिंह राठौर हों या  सबलपुर, सोनपुर की 40 साल की गृहिणी मनीषा भी उतने ही उतावले थे.

प्राधिकरण के बैनर तले हैदराबाद की संस्था सी.एच.आर.पी. इंडिया इस स्टॉल का संचालन कर रही है. तकनीकी विशेषज्ञ सूर्य तेजा के नेतृत्व में आई चार सदस्यीय टीम बड़े धैर्य के साथ इस उत्साही भीड़ को संभाल रही है. अभी यहां अग्नि सुरक्षा और विद्युत सुरक्षा पर लोगों को 3 डी फिल्म दिखाई जा रही है. वीआर डिवाइस आंखों पर लगा और हाथों मे जॉय स्टिक थामे युवा अपने प्रयत्नों से आग (आभासी) पर काबू करते दिखे. आग बुझाने वाले सिलेंडर के इस्तेमाल का तरीका जाना.

पहली बार बिहार आए सूर्य तेजा के लिए यह बिल्कुल नया अनुभव है. वे बताते हैं कि तकरीबन 350 लोग हर दिन इस वीआर तकनीक का अनुभव कर रहे हैं. बुधवार को एनआईटी के प्रोफेसर डॉ. ए.के. सिन्हा और प्राधिकरण के सलाहकार (तकनीक) डॉ . बी.के. सहाय ने इस स्टॉल का मुआयना किया. डॉ  सिन्हा ने जनजागरुकता के लिए किए जा रहे प्राधिकरण के इस प्रयास की सराहना की. उन्होंने बाढ़ व भूकंप जैसी आपदाओं में इस तकनीक की उपयोगिता पर बल दिया.प्राधिकरण के पेवेलियन में आपदाओं के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से और भी कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. मेला घूमने आए लोग बड़ी संख्या में पेवेलियन के विभिन्न स्टॉल पर पहुंचकर आपदाओं से जुड़ी जानकारियां हासिल कर रहे हैं. नुक्कड़ नाटक, पपेट शो, पेंटिंग्स और पहेलियां-मुकरियां प्रतियोगिता में मेलार्थी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

 बुधवार को उर्दू मध्य विद्यालय, सोनपुर के 42 बच्चों ने पेवेलियन का भ्रमण किया. यहां आपदाओं पर केंद्रित चित्रकला प्रतियोगिता सहित विभिन्न स्टॉल पर संचालित प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. प्राधिकरण की ओर से बच्चों के बीच टीशर्ट, टोपी, टाॅफी, स्केच पेन पेंसिल, रबर आदि का वितरण किया गया. प्राधिकरण के पेवेलियन में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान की जा रही है. उत्कर्ष एक पहल संस्था से जुड़े चिकित्सक और पैरामेडिक्स लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दे रहे हैं. एसडीआरएफ, अग्निशमन सेवा और सिविल डिफेंस मॉकड्रिल के जरिये लोगों को आपदाओं में बचने के तरीके बता रहे हैं.

एनoसीoसीo उड़ान द्वारा मंचीय प्रस्तुति के दौरान दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों को आपातकालीन हैंड रेस्क्यू मेथड्स को बताते हुए मॉकड्रिल का सहभागी बनाया गया. एनoसीoसीo उड़ान की टीम ने पेवेलियन में आए बच्चों को आपदा से संबंधित प्रशिक्षण दिया तथा रोड सेफ्टी थियेटर के माध्यम से दर्शकों को यातायात संबंधी नियमों से जुड़ी हुई फिल्में दिखाई. कैरिटास इंडिया की ओर से वज्रपात से बचाव का संदेश लोगों को दिया जा रहा है. भूकंपरोधी मकान बनाने की जानकारी प्रशिक्षित अभियंता और राजमिस्त्री दे रहे हैं.

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By pnc

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