बिहार विद्यालय रात्रि प्रहरी कर्मचारी संघ का आंदोलन
आरा, 7 नवंबर. पैसों की जरूरत इस कदर इंसान के जीवन मे है कि लोग किसानी छोड़कर कई तरह की नौकरियों में लोग लगे हुए हैं. लेकिन नौकरी के बाद भी जब ये पैसे नही मिले तो इंसान अपने आपको ठगा से महसूस करता है. कुछ ऐसी ही स्थिति आजकल विद्यालय में रात्रि प्रहर के लिए नियुक्त रात्रि प्रहरियों का है जिनका सरकार ने 18 महीने से वेतन ही नही दिया है. महज 5 हजार के वेतन के बदले उन्हें न तो कोई सुरक्षा मुहैया है और न ही किसी प्रकार की छुट्टी. ऐसे में 18 महीने से अपने वेतन के लिए सरकारी बाबुओं का चक्कर काटने के बाद मजबूरन उन्हें आंदोलन पर उतरना पड़ा.
18 महीने से अपने वेतन भुगतान को लेकर बिहार विद्यालय रात्रि प्रहरी कर्मचारी संघ ने सोमवार को कलेक्ट्रिएट पर धरना दिया. भोजपुर जिले में कुल 175 रात्रि प्रहरी हैं जिनमें 144 पंचायतों में रात्रि प्रहरी की नियुक्ति हुई है. रात्रि प्रहरियों ने बताया कि रात्रि ड्यूटी के लिए न तो सरकार की ओर से टॉर्च, लाठी या ड्रेस ही मुहैया कराया गया है और न ही महीने में एक दिन भी छुट्टी ही है.
बस बहाली होने के बाद से लगातार रविवार हो या सोमवार ड्यूटी देनी पड़ती है. तबियत खराब हो या घर के किसी सदस्य को जरूरत आन पड़ने के बाद भी छुट्टी मिलना नामुमकिन हो जाता है और ऐसे में अगर ड्यूटी से कोई गायब रहा तो स्कूल के किसी समान के गायब होने की जिम्मेवारी रात्रि प्रहरी के ही मत्थे मढ़ दिया जाता है. इतना होते हुए भी प्रहरी अपनी ड्यूटी के लिए ततपरता से लगे हुए हैं लेकिन इसके बाद भी वेतन भुगतान में पापड़ बेलना पड़ रहा है.
स्कूल से उपयोगिता बुक जमा नही होने के कारण वेतन लंबित है. रात्रि प्रहरियों की माने तो DEO ऑफिस जाने पर वे उपयोगिता बुक जमा नही होने का रोना रो रहे हैं और प्रधानाध्यापक के पास जब इसके लिए बोला जाता है तो वे इससे मुकर जाते हैं. यहां तक कि पिछले महीने उपयोगिया बुक जमा खुद प्रहरियों को करने के बाद भी जब वेतन का भुगतान नही हुआ तो मजबूरन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन के लिए उतर गए.
रात्रि प्रहरियों की मांगे :
(1) बकाया वेतन का भुगतान
(2) ऑन लाइन वेतन भुगतान खाता में
(3) न्युनतम मजदूरी तय करने
(4)वर्तमान में रात्रि प्रहरी कर्मचारी को विद्यालय छात्र अनुदान की राशि से मानदेव भुगतान किया जाता है. जिससे समय पर भुगतान नही हो जाता है.
(5) रात्रि प्रहरी को कर्मचारी को राज्यकर्मी का दर्जा देते हुये परिचारी, लिपिक के रूप समायोजन किया जाय
(6) सर्वप्रथम रात्रि प्रहरी कर्मचारी को न्युनतम मजदूरी एवं 60 वर्ष तक की सेवा दी जाए
आंदोलनकारियो में अध्यक्ष – गजेंद्र कुमार,उपाध्यक्ष – श्री भगवान यादव,कोषाध्यक्ष – राकेश कुमार सिंह,सचिव – कमलेश कुमार,उप सचिव – विपुल कुमार सहित कई रात्रि प्रहरी उपस्थित थे. देखना यह होगा कि इस आंदोलन के बाद सरकार कितनी जल्द इनके वेतनों के भुगतान के लिए तेजी दिखाती है.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट