patnanow की खबर का असर
बक्सर DM ने लापरवाह ANM और PHC प्रभारी को किया शो कॉज
दोनो को सदेह हाजिर होने का आदेश
मामले की जांच के लिए टीम का गठन
सोमवार को बक्सर के राजपुर पीएचसी में नजराना के पैसे के लिए इलाज से मना करने और उसे अस्पताल से बाहर किये जाने का मामला उजागर होने के बाद विभागीय अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं. मंगलवार को पटना नाउ में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद बक्सर डीएम रमण कुमार ने सिविल सर्जन को 24 घंटे में कार्रवाई का निर्देश दिया है. डीएम के आदेश पर सीएस ने जांच के लिए टीम का गठन किया है.
बता दें कि patnanow.com ने ‘शर्मनाक.. नजराना नहीं दिया तो गर्भवती को अस्पताल से निकाला’ शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था. इसके बाद विभागीय अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गयी थी. सिलिव सर्जन ने जिला यक्ष्मा पदाधिकारी अरविंद नारायण की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन किया है. प्रसूता अस्पताल से गांव चली गयी थी. इसके बाद जांच टीम ने मरीज के गांव जाकर मामले की तहकीकात की. सिविल सर्जन ने बताया कि मीडिया में छपी खबर के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश निर्गत किया गया है. जांच के लिए गठित टीम के अधिकारी ने अभी जांच प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद कठोर कार्रवाई की जायेगी. सिविल सर्जन ने अपने स्तर से PHC प्रभारी डॉ अशोक कुमार व आरोपी एएनएम गीता कुमारी से मामले में स्पष्टीकरण की मांगा है. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि 24 घंटे के भीतर सशरीर उपस्थित होकर जवाब दें. सीएस ब्रजकुमार सिंह ने बताया कि स्पष्टीकरण का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला सही प्रतीत हो रहा है. दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
क्या था मामला
राजपुर PHC में सोमवार को एक प्रसूता इलाज के लिए आयी थी. वह दर्द से तड़प रही थी. लेकिन, ड्यूटी में तैनात ANM द्वारा महिला के परिजनों से 500 रुपये के नजराने की डिमांड की गयी थी. मांग पूरी नहीं किये जाने पर प्रसूता को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया था. जिसके कारण वह अस्पताल के बाहर ही पड़ी रही थी. उसे बाहर ही डिलीवरी भी हो गयी थी. खबर को पटना नाउ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
रिपोर्ट- बक्सर से ऋतुराज पांडे
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