पटना में कई गुणा बढ़ा एयर और साउंड पॉल्यूशन

By Amit Verma Oct 31, 2016

पटना में खतरनाक स्तर तक बढ़ा एयर पॉल्यूशन 

बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट से हुआ खुलासा




पटना डीएम की पहल का दिखा असर, साउंड पॉल्यूशन लेवल में कमी दर्ज

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इस बार दिवाली के दिन प्रदूषण जांच में पटना के आंकड़े आपकी चिंता बढ़ा सकते हैं.  दीपावली के दिन अन्य दिनों की तुलना में नाइट्रोजन डाइआॅक्साइड की मात्रा शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक मानक 80 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से काफी ज्यादा 142.41 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पाई गई. सांस लेने योग्य धूलकण की मात्रा भी सामान्य दिनों और दीपावली के दिन निर्धारित मानक 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ज्यादा पाई गई है. दीपावली के दिन 2 बजे अपराह्न से 10 बजे रात के दौरान करीब 5 गुना ज्यादा 487.74 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पाई गई. रात 10 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक सांस लेने लायक धूल-कण की मात्रा करीब सात गुना यानि 685.97 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गई.

74cf30fd-7741-4a9f-8f8b-1a9ad2d490a1जबकि इसी समय में 24.10.2016 को यह मात्रा 232.46 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पाई गई थी. हालांकि यह भी निर्धारित मानक से ज्यादा है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि किसी अन्य दिनों में सांस लेने योग्य धूल-कण की मैक्सिमम मात्रा का संभावित कारण वाहनों का उत्सर्जन होता है. लेकिन  दीपावली के दिन वाहन एवं पटाखों से हो सकती हैं. इस साल रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक श्वसन योग्य धूल-कण की मात्रा दीपावली के दिन सामान्य दिनों से ज्यादा पाई गई है.

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की मानें तो इसका संभावित कारण प्राकृतिक तौर पर होने वाले ‘इन्भरशन’ की क्रिया हो सकती है, जिसमें इन्भरशन स्तर के नीचे आ जाने के कारण मिक्सिंग एरिया कम हो जाती है, जिससे प्रदूषक तत्वों की सान्द्रता बढ़ जाती है.

दीपावली के दिन सामान्य दिनों की तुलना में साउंड पॉल्यूशन भी काफी बढ़ गया. सामान्य दिनों में जहां औसत साउंड लेवल शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक 78.6 डेसीबेल पाया गया जबकि दीपावली के दिन यह स्तर बढ़कर 82.4 डेसीबेल हो गया. रात 10 से 12 बजे तक सामान्य दिन में औसत ध्वनि स्तर 68.3 डेसीबेल रहता है जबकि दीपावली के दिन यह स्तर बढ़कर 80.4 डेसीबेल हो गया.

हालांकि पिछले दो सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो रात 10-12 बजे के बीच साउंड पॉल्यूशन कम पाया गया है. वर्ष 2012 और 2014 में दीपावली की रात 10-12 बजे तक ये लेवल जहां 82.4 डेसीबल था, वहीं इस साल ये 80.4 डेसीबल पाया गया. इसका क्रेडिट जाता है पटना जिला प्रशासन के स्कूली बच्चों के बीच चलाए गए जागरुकता अभियान को. साथ ही साउंड पॉल्यूशन को लेकर लोगों के बीच बढ़ती जागरुकता भी इसकी बड़ी वजह है.

राजधानी के बोरिंग रोड चौराहे पर 24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक किए गए इन जांचों से ये तो तय हो गया है कि अब वक्त है कि हम एयर और साउंड पॉल्यूशन को लेकर सचेत हो जाएं. खासकर दीपावली के दिन क्रैकर्स की बजाय अगर हम सिर्फ दीए से दिवाली का त्योहार मनाएं तो पर्यावरण के साथ खुद को स्वस्थ रखने की दिशा में ये एक बड़ी पहल होगी.

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