पटना।। पटना हाईकोर्ट ने बिहार में 65 प्रतिशत जाति आधारित आरक्षण को रद्द कर दिया है. इसके तहत राज्य सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 65 फीसदी आरक्षण देने का कानून लाया गया था. बता दें कि 9 नवंबर 2023 को बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पारित हुआ था. इसमें जातिगत आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 65% कर दिया गया. अगर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी EWS के 10% कोटे को मिला लिया जाए तो बिहार में कुल रिजर्वेशन 75% हो गया. ये आरक्षण के लिए तय अधिकतम सीमा, यानी 50% से काफी ज्यादा था.
इसे चुनौती देने वाली याचिकायों को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार के द्वारा लाये गये कानून को रद्द करते हुए बड़ा झटका दिया गया है. इस मामलें में गौरव कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर फैसला 11मार्च, 2024 को सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया,चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ गौरव कुमार व अन्य याचिकाओं पर लंबी सुनवाई की थी.
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