समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रहे बिहार के करीब साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों की उम्मीद बढ़ गई है. विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सोमवार को पटना हाईकोर्ट में नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन केस की सुनवाई में दोनों पक्षों के वकीलों के बीच लगभग दो घंटे तक बहस हुई. इस दौरान शिक्षकों के वकील पीके शाही और मृत्युंजय कुमार के मजबूत तर्कों के सामने सरकार के वकील ललित किशोर घुटने टेकते नजर आये.
बता दें कि नियोजित शिक्षक पिछले कई सालों से समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं. लेकिन बिहार सरकार विभिन्न कारणों का हवाला देकर उनकी मांग को अनसुना कर दे रही है. लेकिन सोमवार की सुनवाई के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
इससे पहले शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि नियोजित शिक्षकों का वेतन चपरासी से भी कम क्यों है. सोमवार की सुनवाई के दौरान जज सरकारी वकील के तर्कों से खासे असंतुष्ट नजर आए.
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