पटना । आज समाज में नेत्रदान करने वालों की संख्या बढ़ रही है. लोगों के बीच इसकी जागरूकता भी बढ़ रही है और इसी कड़ी में कंकड़बाग में पानी टंकी, पत्रकार नगर थानान्तर्गत नोवेल्टी रेस्टोरेंट के बगल में रहने वाली 32 वर्षीय महिला आकांक्षा (बीनू) के घर वालों ने उसकी आकस्मिक मृत्यु के बाद उसके नेत्रों को दान में देने का मन बनाया.
आकांक्षा के पति राघवेन्द्र कुमार तथा परिवार के अन्य सदस्य आकांक्षा की आकस्मिक मृत्यु के बाद उसके नेत्रों को दान कर लिया. राघवेन्द्र एवं आकांक्षा की नौ वर्षीय पुत्री ख्याति, जो पटना में उषा मार्टिन स्कूल में कक्षा पांच की छात्रा है, ने कहा कि नेत्रदान करने से मरने के बाद भी उसकी माँ उसे और पूरी दुनिया को देख पायेगी. ख्याति ने बताया कि उसकी माँ सदैव उसे दूसरों का दुःख दर्द बांटने का प्रयास करने की शिक्षा देती थी. उसकी इन्ही
बातों से पटना जिलाधिकारी थोड़ा भावुक हो गये.
जिलाधिकारी ने तारीफ करते हुए कहा कि दुःख की इस घड़ी में नेत्रदान जैसा पुनीत कार्य करने की सोच और समाज को नई रौशनी देने वाले आकांक्षा के पति राघवेन्द्र कुमार ने समाज के सामने एक मिसाल पेश की है. लोगों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. दरअसल कुछ दिनों पहले आकांक्षा की मौत घर के बाथरूम में गिरने से हो गई थी।
जिलाधिकारी ने बताया कि उनका प्रयास है कि समाज को नई रोशनी देने वाले इन प्रेरणा श्रोतों को उनके घर पर जा कर सम्मानित कर रहे हैं ताकि अन्य लोग भी इससे प्रभावित हों.
समाजसेवी मुकेश हिसारिया, जो पूरे भारत में रक्तदान और रक्त की सहज उपलब्धता के लिए प्रयत्नशील हैं, ने भी इस कार्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
(पटना से राजेश कुमार की रिपोर्ट)