जी हां, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तैयारी तो कुछ ऐसे ही संकेत दे रही है. भोथरा चुकी बोर्ड की व्यवस्था को सुधारने में लगे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर की कोशिशें लगातार जारी हैं. करप्ट और मिसमैनेज्ड बोर्ड के रुप में प्रचलित बिहार बोर्ड अब बड़े बदलाव की ओर जाता दिख रहा है. पहले आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन और अब डिजिटल मार्किंग सिस्टम. इसके तहत अब परीक्षा के बाद कॉपियों को स्कैन करके कंम्प्यूटर पर अपलोड किया जाएगा. कम्प्यूटर पर ही शिक्षक कॉपियों की जांच करेंगे और मार्क्स देंगे. इससे कॉपियों को कहीं ले जाना नहीं पड़ेगा और ना ही इनसे कोई छेड़छाड़ हो पाएगी. इसके साथ ही कॉपियों के मूल्यांकन के वक्त इनपर निगरानी भी रखी जा सकेगी. जिससे कोई छात्र या वीक्षक नंबर देने में भी गड़बड़ी नहीं कर पाएगा. साथ ही परीक्षा का रिजल्ट भी काफी जल्दी प्रकाशित हो सकेगा. ये नई व्यवस्था इसी साल मैट्रिक और इंटर की कंपार्टमेंटल परीक्ष में लागू होगी और फिर इस प्रक्रिया की समीक्षा के बाद इसे वर्ष 2017 के मैट्रिक और इंटर परीक्षा में लागू किया जाएगा. ज्यादा जानकारी के लिए देखें ये वीडियो https://youtu.be/R9GWm6bHmRs
यानि एक के बाद एक बिहार बोर्ड के जंग खा चुके पुराने एप्लीकेशन(एप) को अपडेट करने में लगे बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर इसे फूल प्रूफ बनाने की कवायद में हैं. पटना कमिश्नर और जेल आईजी के रुप में उनके काम करने के तरीके से वाकिफ लोगों का मानना है कि अब बिहार में कोई टॉपर घोटाला नहीं होने वाला.