ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में महिलाओं के लिए सबसे घातक और सबसे कॉमन रोग है. भारत की बात करें तो यहां ब्रेस्ट कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर ने महिलाओं को ज्यादा प्रभावित किया है. इस बारे में पटना स्थित IGIMS में डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल ONCOLOGY के इंचार्ज डॉ अविनाश कुमार पांडे ने बताया कि WHO के मुताबिक भारत में शहरी महिलाओं में करीब 1.5 लाख मामलों में से हर साल 70 हजार महिलाओं का निदान किया जा रहा है. हालांकि पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में ब्रेस्ट कैंसर से दोगुना मौतें होती हैं. हालांकि सही समय पर स्क्रीनिंग ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने और मृत्यु दर कम करने में मदद करता है. इसीलिए महिलाओं को मासिक जांच(3 साल पर) और 25 साल पर ब्रेस्ट की क्लीनिकल जांच तथा 40 साल से पहले वार्षिक मेमोग्राफी की सलाह दी जाती है.
डॉ अविनाश कुमार पांडे, In charge, Dept. of Medical Oncology, IGIMS, Patna
डॉ अविनाश कुमार पांडे की मानें तो रजोनिवृत्ति की स्थिति, हार्मोनिक स्थिति औऱ उपचार के बारे में भारत में अवेयरनेस कम होने के कारण ब्रेस्ट कैंसर की समस्या ज्यादा परेशान करती है. इसलिए ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानकारी और इसके लिए सामयिक जांच बेहद जरूरी है.