जी हां, सही सुना आपने. ये हाल है बिहार की राजधानी पटना का. पटना सदर प्रखंड में अमीन की कमी से जमीन विवाद नहीं सुलझ पा रहे. जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. पटना सदर के 47 किलोमीटर क्षेत्रफल में जमीन की नापी का जिम्मा केवल एक अमीन के भरोसे चल रहा है जबकि अमीन का काम सरकारी, गैर सरकारी, विवादित और किसानों की जमीन की सरकारी नापी करना है.
बिहार विधान सभा में विरोधी दल के मुख्य सचेतक अरूण कुमार सिन्हा ने कहा कि पटना सदर प्रखंड में जमीन नापी के लिए हर माह 60 मामले आते हैं जिसमें रजिस्ट्री, खेत, सरकारी जमीन, विवादित जमीन के साथ कोर्ट के आदेश के अनुसार जमीन की नापी शामिल है. अरुण सिन्हा ने कहा कि सरकार ने पटना सदर में अमीन की नियुक्ति के लिए 2014 में नियम बनाया, फिर फरवरी 2016 में नियमों को संशोधित किया गया, लेकिन छह माह बीत जाने के बावजूद अभी तक अमीन की बहाली नहीं की जा सकी है. इससे सरकार की उदासीनता साफ झलकती है.
बीजेपी नेता अरुण सिन्हा ने कहा कि पटना सदर प्रखण्ड में नए नियमावली के अनुसार 5 अमीन और 2 जंजीर वाहक होने चाहिए. लेकिन न अमीन की बहाली हुई है और न जंजीर वाहक की. जंजीरवाहक की बहाली नहीं होने से अमीन को जमीन नापी के दौरान फीता पकड़ने का काम स्थानीय लोगों से करवाना पड़ रहा है.