एम्स का टेलीमेडिसिन गरीबों के इलाज में ऐतिहासिक कदम
अजीत
फुलवारी शरीफ : एम्स पटना का 10वें स्थापना दिवस ,एम्स परिसर में आयोजन किया गया। इस मौके पर भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय विभाग के राज्यमंत्री डॉ भारती पवार ने कहा कि एम्स पटना ने बिहार के सुदूर ग्रामीण इलाकों में गरीब एवं असहाय लोगों के बीच टेली मेडिसिंस के माध्यम से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर एक इतिहास रचा है।
डॉ भारती ने कहा कि अब तक एम्स पटना से 208 शोध प्रकाशित किया जा चुका है। इसके अलावा श्रवण कुमार योजना सहित आयुष्मान भारत कार्ड के माध्यम से गरीबों और शहरों के बीच एम्स ने सुविधा पूर्वक गरीबों का इलाज किया है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने एक सपना देखा था जिसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूरा कर दिखाया है। पूरे बिहार वासी इस पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
एम्स के निदेशक डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाने के लिए एम्स पटना एक्सपर्ट सपोर्ट दे रहा है। साथ ही प्लाज्मा थेरेपी देने में भी अन्य अस्पतालों को मदद दे रहा है। डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत, बर्न सेंटर का निर्माण, अंग प्रत्यारोपण की शुरूआत, शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन का निर्माण और चिकित्सकों के लिए आवास का निर्माण कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिनके लिए संस्थान प्रयासरत है।
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2021 तक एम्स पटना की ओपीडी में नए व पुराने कुल 1,37,619 मरीज देखे गए और 12,590 मरीज भर्ती किए गए। वहीं कोविड-19 के 1994 मरीजों को भर्ती किया गया, जिनमें से 1125 ठीक होकर घर गए। 1348 मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई। एक साल में 8.5 लाख आरटीपीसीआर जांचें की गईं और 209 म्यूकरमाइकोसिस मरीजों का इलाज किया गया।
संस्थान में अब तक 21,080 लोगों को कोविड-19 वैक्सीन (कोवैक्सीन) की पहली और दूसरी डोज दी जा चुकी है, वही 24,196 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है।
उन्होंने बताया कि संस्थान में फिलहाल 10 नॉन क्लिनिकल और 31 क्लिनिकल विभाग काम कर रहे हैं, जिनमे 138 फैकल्टी हैं। एमडी, एमएस, एमडीएस, डीएम और एमसीएच में कुल 190 सीटें हैं। सीनियर रेजीडेंट और जूनियर रेजीडेंट की कुल संख्या 513 है। एम्स में कोविड के लिए 550 बेड हैं और 85 वेंटीलेटरयुक्त आईसीयू बेड हैं।
संस्थान में हुई 460 हीमोडायलिसिस, 355 टोटल हिप रीप्लेसमेंट, 412 एसीएल रीकंस्ट्रक्शन, 30 हाइपेक सर्जरी, 180 काक्लियर इम्पलांट और एडवास्ड विट्रियोरेटिनल सर्जरी संस्थान की उपलब्धिया हैं। खासकर कैंसर मरीजों के लिए हाइपेक सर्जरी ,जिसकी सुविधा देश के महज दो-तीन संस्थानों में ही है।
सांसद रामकृपाल यादव ने कहा इसे तो पटना एम्स स्वास्थ के क्षेत्र में बहुत बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रहा है | खासकर कोरोना संकट काल में संकट मोचन बना हुआ था | लेकिन अभी भी जमीन के आभाव में कई विभागों का भवन नहीं बनने से जरुरतमंद लोग प्रभावित हो रहे हैं | अभी भी ऐसे लोगों को दिल्ली एम्स में जाना पड़ता है | उहोंने जमीन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार से सहयोग की मांग किया है |
कार्यक्रम में बिहार सरकार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण (आईएएस) ने कोविड महामारी के वक्त संस्थान के महत्वपूर्ण योगदान को सराहा।
इस मौके पर संस्थान निकाय के सदस्य डॉ. राजीव कुमार सिंह, आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ.एनआर विश्वास, संस्थान के संस्थापक निदेशक प्रो.गिरीश कुमार सिंह, डीन प्रो.उमेश भदानी, चिकित्साधीक्षक डॉ.सी.एम. सिंह, उप निदेशक परिमल सिन्हा, डॉ.संजीव कुमार, डॉ. वीणा सिंह, डॉ.मुक्ता अग्रवाल डॉ.प्रशांत कुमार, डॉ. श्रुति सिंह,डॉक्टर निहार रंजन , स्वास्थ्य सचिव डॉ धर्मेंद्र गंगवार , विधायक गोपाल रविदास , हृदय रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर संजीव कुमार सहित कई विभाग के डॉक्टर और गणमान्य लोग उपस्थित हुए । इस मौके पर मेडिकल छात्र एवं छात्राओं को उनके अच्छे परफॉर्मेंस के लिए उन्हें सम्मानित किया गया ।एम.बी.बी.एस. के 11 एवं बी.एससी. नर्सिंग के 17 मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल देकर पुरस्कृत किया गया और एम्स पटना की पत्रिका ”स्पंदन“ का विमोचन भी किया गया।