पाटलिपुत्र में रामकृपाल और मीसा ने लगाया जोर, दोनों ओर से हो रहे जीत के दावे

फुलवारी शरीफ, अजित : पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर एक जून को चुनाव होगा. चुनाव प्रचार के लिए महज कल तक का ही समय बचा है. चुनाव प्रचार में एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. दोनों ओर से जीत के दावे किए जा रहे हैं.

राष्ट्रीय जनता दल से पाटलिपुत्र लोकसभा की उम्मीदवार डॉक्टर मिसा भारती ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस बार देश की जनता ने ठान लिया है मोदीजी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं. किसी के बोलने से कुछ नहीं होगा इस बार इंडिया गठबंधन की सरकार. बनेगी.




उन्होंने कहा कि देश की जनता का बयान नहीं है कि मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे. बीजेपी के एक राज्य के मुख्यमंत्री का बयान है ना. उनके अकेले कहने से से मोदी जी प्रधानमंत्री बन जायेंगे. देश की जनता वोट देगी तब मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे और मुझे नहीं लगता कि इस बार मोदी जी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. डॉक्टर मिसा भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री को जो बयान देना चाहिए वह बयान नहीं दे रहे हैं प्रधानमंत्री को महंगाई पर बोलना चाहिए, बेरोजगारी पर बोलना चाहिए. चीनी मिल लगा कि नहीं लगा इस पर बोलना चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री जी केवल जनता को बरगलाने वाला बेतुका बयान दे रहे. बिहार के बंद चीनी मिलों पर प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोलते हैं. प्रधानमंत्री की भाषा का स्तर भी बहुत नीचे आ गया है. कौन क्या खाता है क्या पीता है इन सब बातों पर प्रधानमंत्री को नहीं बोलना चाहिए.

पाटलिपुत्र से लोकसभा सीट के लिए राजद की उम्मीदवार डॉ मिसा भारती बुधवार को फुलवारी शरीफ के विभिन्न मोहल्ले में रोड शो व जन संपर्क करके मतदाताओं को लालटेन छपरा बटन दबाने की अपील की और कहा कि इस बार देश बचाने की लड़ाई है संविधान और लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि बिहार में तेजस्वी को जब 17 महीने का मौका मिला तो सरकार में उन्होंने 5 लाख से अधिक लोगों की सरकारी नौकरियां दिया.अपना कीमती वोट देते समय इन सब बातों को याद रखिए. देश में इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो एक करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी दिया जाएगा, गैस सिलेंडर 500 किया जाएगा.गरीब परिवार की महिलाओं को सालाना ₹1 लाख दिया जाएगा.

पाटलीपुत्र सीट पर दोनों पक्षो ने लगाया एड़ी चोटी का जोर

पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर दोनों पक्षों ने जमीन-आसमान एक कर दिया है. दोनो ओर से आधार वोट में सेंधमारी की कोशिशें तेज हो गई हैं. अति पिछड़ों व दलितों को साधने पर जोर है. जो ज्यादा सफल होगा उसकी जीत तय है, पर मार्जिन कम होगी.
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में हुए पिछले तीन चुनावों में प्रत्याशियों के बीच जीत-हार का अंतर बहुत ज्यादा नहीं रहा है. 2019 के चुनाव में भाजपा के रामकृपाल यादव ने राजद की मीसा भारती को 39321 वोटों से हराया था। 2014 के चुनाव में भी इन्हीं दोनों के बीच टक्कर थी और 40322 वोट से रामकृपाल जीत गए थे.
2009 के चुनाव में जदयू के रंजन प्रसाद यादव 23541 वोट से जीते थे और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की हार हुई थी. लेकिन इन तीनों चुनाव में समीकरण कुछ अलग थे, और इस बार बिल्कुल भिन्न. 2009 में जदयू के खिलाफ राजद, सीपीआईएमएल और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. 2014 में भी भाजपा और जदयू अलग-अलग मैदान में थे और सीपीआईएमएल का गठबंधन भी राजद के साथ नहीं था. 2019 की परिस्थितियां भी कुछ और थीं. लेकिन, इस बार एनडीए और महागठबंधन अपने अपने आधार वोट के साथ आमने-सामने है.

By dnv md

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