‘पति के नाम’ की भेंट चढ़ी आरा नगर निगम की बैठक

By om prakash pandey Jul 5, 2018

टैक्स कलेक्टर के अवैध वसूली की शिकायत की तो खुद के पति के नाम को लेकर फजीहत में घिरी वार्ड पार्षद
टैक्स कलेक्टर हुई छुट्टी
आपसी तकरार के बाद पार्षदों ने उठाई कुर्सियां और और टेबल

मेयर ने कहा- सदन परिवार है और परिवार के सदस्यों पर थप्पड़ भी चला देते हैं




आरा,5 जुलाई. आरा नगर निगम में बुधवार को सशक्त स्थाई समिति की बैठक में निगम में भ्रष्टाचार और उसकी कार्यप्रणाली को लेकर हंगामा इस कदर छाया कि सदस्यों ने मर्यादा छोड़ कुर्सियां और टेबल तक उठा लिए.

यही नही शहर की सबसे सम्मानित पद पर विराजमान मेयर प्रियम ने वार्ड 45 की महादलित महिला वार्ड पार्षद को बैठक में विधवा शब्द से सम्बोधित किया और ठेंगा तक दिखा दिया. जिसके बाद पार्षदों ने हंगामा कर मेयर को माफी मांगने को कहा. मेयर ने हालांकि इसपर खेद जताया.


निगम की बैठक में जब सदस्यों ने विकास योजनाओं में गड़बड़ी और अधिकारियों व कर्मियों की संदिग्ध भूमिका को ले सदन में सवालों की बौछार की तो माहौल इतना बिगड़ गया कि आपसी मारपीट की नौबत तक आ गई. एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने को लेकर उठी उंगलियों ने टेबल और कुर्सी तक उठा ली. बैठक में सदन की गरिमा कई बार टूटते और सम्भलते रहे. कुछ सवालों पर पक्ष विपक्ष आपस में कई बार भीडा रहा. कई घंटे तक चली बैठक में वार्ड पार्षद और नगर आयुक्त के बीच खूब तकरार हुई.

देर तक चली इस बैठक में अधिकांश समय शोरगुल की भेंट चढ़ गई. हालांकि टेबल कुर्सी उठने के बाद मेयर और नगर आयुक्त ने सदस्यों के बीच जाकर उन्हें शांत कराया और फिर बैठक आगे बढ़ी.

क्या था बैठक में हंगामा का मुख्य कारण ?
दरअसल वार्ड नंबर 45 की वार्ड पार्षद की वार्ड पार्षद वार्ड पार्षद रेणु देवी ने अपने वार्ड में गलत ढंग से टैक्स वसूली कर रहे टैक्स कलेक्टर अशोक कुमार की शिकायत की थी लेकिन शिकायत के बाद वार्ड 43 और 44 में भी यह अवैध वसूली चालू हो गई. तब इसका पुरजोर विरोध हुआ और इसकी शिकायत निगम की बैठक में रेणु देवी ने की. उन्होंने मेयर पर आरोप लगाया कि टैक्स कलेक्टर द्वारा यह वसूली मेयर के सह पर कराई जाती है. जब यह बात शहर में फैली तो इसपर एक्शन लेते हुए मेयर ने टैक्स कलेक्टर को वार्ड 45 के तत्काल प्रभाव से हटा दिया. इस प्रकरण के बाद टैक्स कलेक्टर अशोक कुमार ने वार्ड 45 के पूर्व पार्षद पर शिवगंज में उनसे पैसा रुपया छिनने और मारपीट का मुकदमा कोर्ट में दर्ज कराया.

रेणु देवी(वार्ड पार्षद वार्ड 45)

रेणु देवी के अनुसार पिछली बैठक में उन्होंने इस बात की शिकायत दी थी, जिसके बाद अशोक कुमार को वार्ड 45 से हटा दिया गया. अब सवाल यह है कि अगर टैक्स कलेक्टर दूध के धोए हैं तो उन्हें हटाया क्यों गया? यदि हटाया भी गया तो सिर्फ 45 वार्ड से ही क्यों हटाया गया, इन्हें तो सभी वार्ड से हटाना चाहिए था.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताते चलें कि नगर निगम में अवैध रूप से कार्यरत वार्ड 43,44 एव 45 के अवैध टैक्स कलेक्टर अशोक कुमार द्वारा पूर्व के वार्ड में भी मीरगंज के एक परिवार ने अवैध वसूली के करतूत को पकड़ा था,तो उस समय उन्हें जूता छोड़ कर भागना पड़ा था. उक्त आरोप को लेकर उन्हें सस्पेंड भी किया गया था. पुनः इनके द्वारा की जा रही भ्रष्टाचार को जब बोर्ड की बैठक में पार्षद द्वारा करवाई हेतु कहा गया तो उक्त टैक्स कलेक्टर द्वारा महादलित महिला पार्षद एव वार्ड 45 के पूर्व पार्षद को अपराधी बता उनपर ही मुकदमा कोर्ट में कर दिया गया.

क्या कहती हैं मेयर ?

आरा की मेयर प्रियम
यही है विवाद का वो कागज जिसपर पति के नाम की जगह मालूम नही आवेदक ने लिखा है जबकि लोग इसे रेणु देवी वार्ड पार्षद द्वारा दी गयी जानकारी मान रहे हैं

इस मामले में जब मेयर प्रियम से बात की गई तो उन्होंने मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि टैक्स कलेक्टर को उनके कार्य से हटा दिया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रेणु देवी पर कोई मुकदमा नही हुआ है बल्कि पूर्व वार्ड पार्षद अमरेन्द्र पर मुकदमा टैक्स कलेक्टर ने किया है. मेयर ने कहा कि रेणु देवी से उसके पति का नाम पूछने पर वो नाम नही बता रही हैं. जिसकी वजह से हंगामा अन्य पार्षद कर रहे हैं. दरअसल टैक्स कलेक्टर द्वारा किये गए मुकदमे के कागजात पर आवेदक द्वारा जो विपक्षी का पता दिया गया है उसमें पहले नम्बर पर वार्ड पार्षद रेणु देवी का नाम है जिसमे पति के नाम के जगह मालूम नही लिखा हुआ है. दूसरे नम्बर पर पूर्व पार्षद अमरेन्द्र चौबे का नाम है. अब भला हंगामा करने वाले और मेयर साहिबा को कौन समझाए कि ये “मालूम नही” रेणु देवी ने नही बल्कि उनके विपक्षी द्वारा दिया गया विवरण है जिसमे उसने रेणु देवी के पति का नाम न जानने की बात कही है.

सदन में अमर्यादित शब्दो और ठेंगा दिखाने के बात पर मेयर ने कहा कि सारे पार्षद एक परिवार की तरह हैं. घर मे डांट-फटकार होता है, छोटे गलती करें तो थप्पड़ भी पड़ता है. ये आपसी प्यार का मामला है. उन्होंने उपमेयर की ओर इंगित करते हुए कहा कि भले ही मैं मेयर सही लेकिन ये उम्र में मुझसे बड़ी हैं तो मुझे मार भी सकती हैं क्योंकि ये अभिभावक के समान हैं. मुझे बुरा नही लगेगा.

दरअसल रेणु देवी के पैड पर केयर ऑफ में पूर्व पार्षद का नाम है. उनका सारा पत्र व्यवहार उसी वार्ड के पूर्व पार्षद के पते पर होता है जहाँ उन्होंने किराए पर मकान लिया है.चुनाव के वक्त ही उन्होंने उक्त पते का ब्यौरा अपने हलफनामे में दिया था. पते में केयर ऑफ (C/O) में पूर्व पार्षद का नाम कईयों के आंख का किरकिरी बना हुआ है. इसी नाम को लेकर रेणु देवी के विपक्षी हल्ला मचा रहे हैं.

पार्षद रूबी कुमारी ने अपने सवाल में पूछा कि बोर्ड द्वारा पारित होने के बाद भी पूरी बोर्ड की बैठक चलने वीडियोग्राफी क्यों नही की गई?

रूबी कुमारी(वार्ड पार्षद)

पानी की बढ़ती किल्लत से बचने के लिए चापाकल में सिलेंडर क्यों नही लगाया गया? शहर के प्रमुख नालों का कार्य क्यों नही किया गया. प्रत्येक वार्ड में 12 सफाईकर्मी रखने के निर्णय के बाद भी अबतक इसपर कार्रवाई क्यों नही हुई? बैठक में पुष्पा सिंह,भूपेंद्र कुमार राम, और हिना कैशर ने सदन से 10 सवाल किए.पुष्पा सिंह ने मीडिया से बात करते हुये कहा कि लोकतंत्र में जनता की सवाल का जवाब देने की जगह मेयर ने अपनी दबंगता दिखाते हुए हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की जो जनतंत्र का पतन का द्योतक है,

पुष्पा सिंह(वार्ड पार्षद वार्ड 39)

लेकिन अन्य पार्षदों ने मिलकर सदन में अपनी आवाज को बुलन्द किया. हमने दिखा दिया कि जो जनता की आवाज नही सुनेगा उसका पता कभी भी कट सकता है.

आरा से ओ पी पांडेय के साथ सत्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट

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