जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता और वोट के लिए घोटालों के आरोपी लालू यादव के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. आज पटना में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि नीतीश यदि प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हैं तो उन्हें पहले बेनामी संपत्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. पिछले 27 वर्षों में अकूत संपत्ति जमा करने वाले नेताओं और अधिकारियों की बेनामी संपत्ति की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच करवानी चाहिए.
पप्पू यादव ने कहा कि लालू यादव का परिवार कॉरपोरेट घराना हो गया है. कॉरपोरेट होना कोई गुनाह नहीं है, लेकिन उन्हें यह बताना चाहिए कि ये संपत्ति उन्होंने कैसे और कहां से अर्जित की. लालू यादव और सुशील मोदी के आरोप-प्रत्यारोप में बिहार के असली मुद्दे गुम हो गए हैं. लोग दिग्भ्रमित हो गये हैं. मुख्यमंत्री को दोनों की संपत्ति की जांच करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने विधान सभा चुनाव के लिए दाखिल शपथ पत्र में अपनी बेनामी संपत्ति की घोषणा नहीं की थी. इसलिए चुनाव आयोग को तथ्य छुपाने के आरोप में दोनों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
जन अधिकार पार्टी (लो) की कोर कमेटी की हुई बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए पप्पू यादव ने कहा कि पार्टी बेनामी संपत्ति, शिक्षा माफिया और मेडिकल माफिया के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू करेगी. इस लड़ाई को धारदार बनाने के लिए पार्टी ने अलग-अलग तीन कमेटियों का गठन किया है. उन्होंने कहा कि बेनामी संपत्ति से जुड़ी कमेटी के संयोजक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राघवेंद्र कुशवाहा होंगे, जबकि मेडिकल माफिया से जुड़ी कमेटी के संयोजक राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचंद्र सिंह को बनाया गया है. राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू शिक्षा माफिया से जुड़ी कमेटी के संयोजक बनाए गये हैं. राज्य सरकार एक सप्ताह के अंदर बेनामी संपत्ति, मेडिकल माफिया और शिक्षा माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है तो पार्टी इनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.