पहला केस लड़ा था दिलीप कुमार के लिए, 1 रुपये फीस भी ली
अंबानी, टाटा भी रहे है इनके क्लाइंट
अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव का केस भी लड़ा
सीनियर एडवोकेट और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने हाल ही में तीसरी बार शादी की है. सोशल मीडिया पर उनकी शादी की तस्वीरें सामने आई हैं.उन्होंने पहले मीनाक्षी (उनकी पहली पत्नी) और बाद में 2020 में कैरोलिन ब्रॉसार्ड से शादी की थी. साल्वे और मीनाक्षी का जून 2020 में तलाक हुआ था. हरीश साल्वे फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं.हरीश साल्वे को हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की स्टडी के लिए गठित 8 सदस्यीय समिति का सदस्य भी नियुक्त किया गया है. देश के सबसे चर्चित वकीलों में से एक हरीश साल्वे ने कई हाई प्रोफाइल केस लड़े हैं.
हरीश साल्वे 1999 से 2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल रहे हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव का केस भी लड़ा. जिसके लिए उन्होंने केवल एक रुपया फीस ली थी. जनवरी 2020 में उन्हें इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों में क्वीन काउंसल के रूप में नियुक्त किया गया था. तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 2017 में ट्वीट कर बताया था कि हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव का केस लड़ने के लिए सरकार से एक रुपया फीस ली थी. कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.उन्होंने बिजनेस टाइकून मुकेश अंबानी, रतन टाटा और सुनील मित्तल के लिए भी केस लड़ा है. चार्टर्ड अकाउंटेंट से वकील बने हरीश साल्वे ने यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव, अभिनेता सलमान खान, ललित मोदी के लिए भी केस लड़ा.
हरीश साल्वे का मानना है कि उनका कानूनी करियर तब शुरू हुआ जब उन्होंने 1975 में अभिनेता दिलीप कुमार के केस में अपने पिता की मदद की थी. दिलीप कुमार पर काला धन कमाने के आरोप लगे थे.हरीश साल्वे को 2015 में भारत के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक- पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. वे वकीलों और राजनेताओं के परिवार से आते हैं. उनके पिता एनपीके साल्वे कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य थे और उनकी मां एक डॉक्टर थीं. साल्वे के दादा एक सफल वकील थे.
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