मिथिला में ओवैसी की पार्टी की दस्तक, पैर पसारने की कोशिशें तेज




सदस्यता अभियान का दरभंगा में भव्य आगाज

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा वादों पर फेल मोदी सरकार

तीसरी पारी रोकने के लिए तैयार आम जनता

प्रदेश सचिव ने कहा केंद्र के साथ राज्य सरकार को उखाड़ फेकना लक्ष्य

राज्य की सत्ताधारी पार्टियां हैं बीजेपी की बी टीम

संजय मिश्र,दरभंगा

पारंपरिक मिथिला के पूर्वी हिस्से में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का दखल हो चुका है. चुनावी जीत के बाद सियासी समीकरण बिगड़ने से बिहार की सत्ताधारी पार्टियां सकते में हैं. और अब मिथिला के केंद्र दरभंगा में इसने दस्तक दी है. दरभंगा जिले में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रदेश सचिव कलाम के नेतृत्व में मंगलवार को भव्य सदस्यता अभियान का आयोजन किया गया.

मौके पर कलाम ने राज्य के सत्ताधारी दलों के उस आरोप को सिरे से खारिज किया कि एआईएमआईएम बीजेपी की बी टीम है. उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि हकीकत इससे जुदा है. कलाम ने कहा कि लालू जब पहली दफा सीएम बने तो उन्होंने बीजेपी और वाम दलों का सहयोग लिया. नीतीश कुमार तो बीजेपी के सहयोग से कई बार सीएम बने. कलाम ने उद्घोष किया कि राज्य की महागठबंधन सरकार को सत्ता से बाहर करना परम लक्ष्य है.

इस बड़े इवेंट में शिरकत करने आए पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अख्तरुल ईमान ने केंद्र की मोदी सरकार पर फोकस रखा. जमकर निशाना साधा. खरी खोटी सुनाई. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी देश मे नफरत के आसरे तीसरी बार सत्तासीन होने की जुगत में है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन मंदिरों से न्याय का शंख गूंजता हो, जिन मस्जिदों से अमन का पैगाम आता, जिन गुरुद्वारों से भाईचारे की आवाज निकलती, जिन गिरजाघरों से इंसानियत का संदेश निकलता, इस पार्टी ने इनको लड़ाने का काम किया है.

पीएम मोदी के वायदों की याद दिलाते उन्होंने कहा कि करोड़ों नौजवानों को हर साल नौकरी देने, 15 लाख रुपए गरीबों के खाते में देने, किसानों को फसलों की उचित कीमत देने का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि एक भी वादा पूरा न हुआ. साल 2024 के लोकसभा के चुनाव में फिर से नफरत के मुद्दे आगे कर तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश हो रही है. इसी मंसूबे को परास्त करना है.इस अवसर पर आए अतिथियों को मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग चादर से सम्मानित किया गया. बिहार प्रदेश सचिव कलाम ने प्रदेश अध्यक्ष को चांदी का मुकुट भेट किया.

सदस्यता अभियान और पार्टी से जुड़ने वालों को देख रणनीति का पता चलता है. सत्ताधारी दलों खासकर आरजेडी के युवा कार्यकर्ताओं को रिझाने की कोशिश है. जो ध्वनि मिथिला के पूर्वी भाग में सुनी गई, उसकी प्रतिध्वनि दरभंगा में सुनाई देना अहम है. आरजेडी और जेडीयू के कान खड़े हो गए होंगे.

By pnc

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