क्या बदल रहा है भारतीय सिनेमा के प्रति पश्चमी देशों का नजरिया
13 मार्च भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए खास दिन, मिले 2 ऑस्कर
पटना, 14 मार्च(ओ पी पांडेय). भारतीय फिल्म जगत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन है नसीब फिल्म इंडस्ट्री बल्कि पूरे भारत के लिए यह मौका खास है क्योंकि आज पहली बार किसी भारतीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म और फिल्म के गाने को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है. 95वें अकादमी अवार्ड में राजामौली की फिल्म RRR को सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए नाटू-नाटू को ऑस्कर से नवाजा गया. RRR फिल्म के गाने के लिए ऑस्कर मिलने के बाद इतिहास रच दिया है. वही आसाम की कहानी पर बने ‘एलीफेंट व्हिशपर’ को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिए ऑस्कर से नवाजा गया है. इस तरह एक साथ दो केटेगरी में दो ऑस्कर का भारत आना न सिर्फ भारतीयों के लिए बड़ी खुशी है बल्कि इतिहास के पन्नों में यह बड़ी घटना के रूप में दर्ज भी हो गई है.
ऑस्कर अवार्ड की बात करें तो इसके पूर्व स्लमडॉग मिलेनियर के गाने ‘जय हो’ को ऑस्कर मिला था. यह ऑस्कर अवॉर्ड गाने के म्यूजिक डायरेक्टर गायक ए.आर. रहमान को मिला था. लेकिन यह फ़िल्म भारतीय मूल की पृष्ठभूमि की होते हुए भी विदेशी निर्देशक देनी बॉयल ने बनाई थी इस लिहाज से यह विदेशी फ़िल्म ही मानी जाती है. ऐसे में विदेशी मूल के फ़िल्म में किसी भारतीय को पहली बार ऑस्कर मिला तो वह ए. आर. रहमान के नाम इतिहास में दर्ज हुआ वही अगर भारतीय मूल के किसी सिनेमा के लिए ऑस्कर पाने वाली फिल्म जहाँ एलीफेंट व्हिशपर बन गयी है वही RRR फ़िल्म के नाटू-नाटू गाने को मूल गीत के लिए मिले ऑस्कर ने इतिहास को स्वर्णिम बना दिया है.
कैसे हुई थी नाटू-नाटू की शूटिंग
नाटू-नाटू गाने को जूनियर एनटीआर और रामचरण के ऊपर फिल्माया गया है. फिल्म की शूटिंग यूक्रेन में की गई थी, जिसकी कोरियोग्राफी प्रेम रक्षित ने किया था. प्रेम रक्षित ने इस गाने को फिल्माने में 20 दिन लगे थे और इस गाने के लिए उन्होंने 110 स्टेप बनाये थे. बताते चलें इस गाने को इसके पूर्व गोल्डन ग्लोब अवार्ड भी मिल चुका है और गोल्डन ग्लोब अवार्ड पाने वाला यह पहला एशिया की पहली फिल्म है.