केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का विपक्ष पर हमला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल को विपक्ष पचा नहीं पा रहा है. महिला आरक्षण बिल को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ विधेयक के रूप में मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक आज सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है, जबकि इसका कार्यान्वयन बहुत बाद में हो सकता है.
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रियाओं के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से विपक्ष पर निशाना साधा. गृह मंत्री शाह ने एक्स पर लिखा कि भारतभर में लोग संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पेश किए जाने पर खुश हैं. यह महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इसी के साथ शाह ने लिखा कि अफसोस की बात है कि विपक्ष इसे पचा नहीं पा रहा है. और, इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि टोकेनिज्म (सांकेतिकवाद) को छोड़कर, कांग्रेस कभी भी महिला आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं रही. या तो उन्होंने कानूनों को समाप्त होने दिया या उनके मित्र दलों ने विधेयक को पेश होने से रोक दिया. उनका दोहरा चरित्र कभी छुपेगा नहीं, चाहे वे श्रेय लेने के लिए कितने ही स्टंट क्यों न कर लें.
इससे पहले मंगलवार को ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने महिला आरक्षण बिल को लेकर एक्स पर लिखा कि चुनावी जुमलों के इस मौसम में, यह सबसे बड़ा जुमला है! यह देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है. हमने पहले भी बताया है कि मोदी सरकार ने अभी तक 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना नहीं की है. भारत जी 20 का एकमात्र देश है जो जनगणना कराने में विफल रहा है. उन्होंने आगे लिखा कि अब कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, जो पहली दशकीय जनगणना होगी, उसके उपरांत ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा. यह जनगणना कब होगी. विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद प्रभावी होगा. क्या 2024 चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन हो जाएगा? यह विधेयक आज सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है, जबकि इसका कार्यान्वयन बहुत बाद में हो सकता है. यह कुछ और नहीं बल्कि ईवीएम इवेंट मैनेजमेंट है.