पहले टॉपर घोटाला और फिर पेपर लीक ने बिहार में शिक्षा और प्रतियोगिता परीक्षाओं की कलई खोल दी है. पेपर लीक मामले में परत-दर-परत खुलते राज में हर दिन कुछ नए नाम जुड़ते जा रहे हैं. माना जा रहा है कि अगर SIT की जांच पूरी ईमानदारी से और सही दिशा में रही तो इस घोटाले में कई बड़े नाम भी सामने आएंगे.
टॉपर घोटाले से सबक लेते हुए सरकार ने ना सिर्फ घोटालेबाजों को जेल भेजा बल्कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में भी कई बड़े बदलाव किए गए. बोर्ड का अध्यक्ष एक तेज तर्रार IAS अधिकारी को बनाया गया और फिर बोर्ड के काम को पारदर्शी बनाने के साथ-साथ, फॉर्म भरने, परीक्षा पैटर्न, प्रश्न पत्र और कॉपियों की जांच तक को ऑनलाइन किया गया. इसके कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिले.
इन सबके बाद अब सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं को भी ऑनलाइन कराने की तैयारी कर रही है. BSSC पेपर लीक मामले से सीख लेते हुए सरकार अब ऑनलाइन परीक्षा के लिए दूसरे राज्यों और भर्ती बोर्ड से राय ले रही है. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने इसके संकेत दिए हैं. परीक्षा ऑनलाइन कराने से ना सिर्फ पेपर लीक की समस्या से निजात मिलेगी बल्कि रिजल्ट में धांधली और सोशल मीडिया के जरिए परीक्षा से जुड़े कॉनफिडेंसियल बातों को वायरल करने की समस्या भी नहीं आएगी.