झूठे आरोपों से तिलमिलाए NSUI ने किया प्रदर्शन

झूठे आरोप लगाने के खिलाफ महाराजा कॉलेज के प्राचार्य का पुतला दहन
NSUI के प्रदेश अध्यक्ष ने दिया दखल
जिला महासचिव से संगठन ने एक हफ्ते में मांगा जवाब
संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में 6 साल के लिए हो सकते हैं निलंबित

दिसम्बर में 610 किमी की होगी शिक्षा के लिए पदयात्रा

NSUI द्वारा महाराजा कॉलेज में फैले अनियमितताओं के खिलाफ कॉलेज में तालाबन्दी और हंगामे के बाद प्राचार्य द्वारा NSUI जिलाध्यक्ष मनीष सिंह पर लगाये गए कैंटीन अलॉटमेंट के झूठे आरोप ने मामले में तूल पकड़ लिया है. जिलाध्यक्ष पर लगे झूठे आरोप के खिलाफ NSUI ने महाराजा कॉलेज में प्राचार्य का पुतला फूंका. इस दौरान कार्यकर्ताओं और छात्रों के साथ जिलाध्यक्ष मनीष सिंह, उपाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह, महासचिव राज सिन्हा और प्रदेश महासचिव प्रशांत ओझा भी उपस्थित रहे.




इसके बाद NSUI ने विश्वविद्यालय में एक प्रेस-कॉन्फ्रेस किया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष चुन्नू सिंह भी शामिल हुए. बताते चलें कि इस प्रकरण में जिला महासचिव सुमित कुमार पर संगठन की गाज गिरी है. छात्रों के मांग पर NSUI ने महाराजा कॉलेज की अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाया था, लेकिन जिला महासचिव सुमित कुमार ने संगठन के खिलाफ ही आवाज उठा दिया और NSUI के इस आंदोलन को गलत कहा. इतना ही नही सुमित ने संगठन के पैड पर इसे लिखित रूप में एक प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर सभी को दे दिया. संगठन ने इसे गम्भीरता से लिया और प्रदेश महासचिव प्रशांत ओझा ने उसे जिला महासचिव से तत्काल प्रभाव से हटा दिया. प्रेस कांफ्रेस में पत्रकारों ने जब सुमित को हटाने का कारण पूछा तो प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के खिलाफ किसी कार्यकर्ता या अधिकारी को हटाने का प्रावधान है. सुमित ने जिलाध्यक्ष के आंदोलन के खिलाफ गतिविधि शुरू किया था जिसे देखते हुए लिया गया निर्णय बिल्कुल सही है. सुमित से संगठन ने पत्र जारी कर एक हफ्ते के बीच उसके द्वारा जारी किए गए बयान का कारण का जवाब मांगा है. अगर संगठन जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो सुमित को संगठन से 6 वर्षो के लिए निष्कासित किया जा सकता है.

610 किमी की निकलेगी पद यात्रा
NSUI के प्रदेश अध्यक्ष चुन्नू सिंह ने बताया कि दिसम्बर के शुरुआत से छात्रों का सबसे बड़ा आंदोलन शुरू होगा जिसके शुरुआत में 610 किमी तक NSUI के छात्र नेता पद यात्रा निकालेंगे. यह आंदोलन शिक्षा के बुनयादी ढांचों के लिए होगा. NSUI प्रत्येक प्रखंड में एक महाविद्यालय चाहती है, जिससे सभी जगह शिक्षा का स्तर अच्छा और हर किसी के पहुँच में हो. बिहार के किसी भी विवि के कॉलेज में एक भी क्लास नही चलता है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि NSUI चाहता है कि कॉलेज और विवि में जितने बच्चों का नामांकन हो उन्हें रहने और खाने की व्यवस्था विवि करे.अगर यह सम्भव नही तो फिर ऐसे विवि बन्द करे सरकार. बिहार सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार को केवल शराबबन्दी दिखता है और दहेजबन्दी की बात करते हैं. बेटियाँ पढ़ लेंगी तो खुद दहेज नही देंगी. जब मीडिया ने उनसे कुछ महीने पूर्व में उनके पार्टी के ही शिक्षा मंत्री के होने के बावजूद ये बातें पूर्व में नही लागू होने सम्बंधित सवाल पूछा तो वे जवाब टाल गए.

 

आरा से ओपी पांडे

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