वन्देभारत के बाद अब रैपिड रेल
बस स्टैंड, हवाई अड्डे, मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन आदि के साथ जोड़कर बनेगा एक विशाल नेटवर्क
कुल लंबाई 82 किलोमीटर 14 किमी हिस्सा दिल्ली में 68 किमी का हिस्सा यूपी में
8 मार्च 2019 को पीएम मोदी ने दिल्ली गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी.
पूरी तरह से स्वदेश निर्मित रेल कोच होंगे जो बड़ी सुविधाओं से लैस होंगे
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का उद्घाटन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. पीएम मोदी 20 अक्टूबर को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर 17 किलोमीटर लंबे खंड का उद्घाटन करेंगे. दिखने में ये ट्रेनें मेट्रो ट्रेनों जैसी ही हैं लेकिन इनके कोच लगेज कैरियर और मिनी स्क्रीन जैसी सुविधाओं से लैस हैं.फिलहाल पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक करीब 17 किलोमीटर लंबी रैपिड रेल सेवा शुरू होने जा रही है. इस अवधि के दौरान यह ट्रेन 5 स्टेशनों पर रुकेगी जो साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई टर्मिनल हैं.
दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम अपनी तरह की पहली क्षेत्रीय कनेक्टिविटी परियोजना है.यह 2025 में पूरा होने पर सिर्फ एक घंटे के समय में 82 किलोमीटर कवर करेगी. इससे पहले 8 मार्च 2019 को पीएम मोदी ने दिल्ली गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी. आरआरटीएस योजना इस तरह से बनाई गई है कि सभी मौजूदा परिवहन प्रणालियों को सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों जैसे बस स्टैंड, हवाई अड्डे, मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन आदि के साथ जोड़कर एक विशाल नेटवर्क बनाया जाए.
आरआरटीएस प्रणाली बनाने का मुख्य उद्देश्य यात्रियों के लिए यात्रा को आसान और सुविधाजनक बनाना है और साथ ही लोगों को सार्वजनिक साधनों का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है. रैपिड रेल देश की पहली रेलवे प्रणाली होगी जो एक हाई-स्पीड रेल नेटवर्क है जिसकी गति 160 किमी से 180 किमी तक हो सकती है.यह मॉडल रैपिड रेल में उपयोग किए जाने वाले मल्टी-मॉडल इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के तहत विकसित किया गया है. इसे पूरी तरह से गुजरात में बनाया गया है. यह पूरी तरह से स्वदेश निर्मित रेल कोच होंगे जो बेहद सुविधाओं से लैस होंगे. इस रैपिड रेल में कुल छह कोच होंगे, जिनमें से एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है.
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