बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी के आयोजन पर सरकार ने रोक लगा दी है. शिक्षा विभाग ने खुद आधिकारिक पत्र के द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को इस फैसले से अवगत कराया है.
बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित कराने की जिम्मेदारी सरकार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दी है. लंबे समय से बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं होने पर शिक्षक बनने के योग्य अभ्यर्थियों ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने शिक्षा विभाग से इस बारे में जानकारी मांगी, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को पत्र लिखकर सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है.
क्या लिखा है सरकार ने
प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को स्पष्ट किया है कि अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शिक्षक पात्रता परीक्षा के संबंध में दिनांक 26.04.2022 को आहूत बैठक में निर्णय लिया गया है कि “बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानान्तरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली – 2020 में किये गये प्रावधानों के तहत शिक्षक नियुक्ति के लिए निर्धारित अर्हता में केन्द्र अथवा बिहार सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में उत्तीर्णता प्राप्त होना शामिल है. केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष केन्द्रीय शिक्षक पात्रता (CTET) आयोजित होती है. उक्त स्थिति में राज्य सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) अलग से आयोजित करने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही है. भविष्य में विभाग द्वारा आवश्यकता आधारित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) आयोजित किये जाने पर विचार कर निर्णय लिया जा सकेगा.” चूँकि भारत सरकार द्वारा नियमित रूप से CTET कराया जा रहा है, इसलिए वर्त्तमान में विभाग द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) आयोजित नहीं कराने का निर्णय लिया गया है.
बता दें कि केंद्र साल में दो बार सीटीईटी परीक्षा का आयोजन करता है. ऐसे में, बिहार के ऐसे अभ्यर्थी जो शिक्षक बनने की योग्यता रखते हैं उन्हें केंद्र सरकार द्वारा आयोजित केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) पास करना होगा.
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