2024 तक PM पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं- BJP
जल्दी एकजुट हों, नहीं तो भविष्य अंधकारमय- लालू
2019 के लिए ज्यादा से ज्यादा विपक्षी दल एक साथ आएं- नीतीश
वर्ष 2019 में देश का अगला लोकसभा चुनाव होगा. लेकिन इसे लेकर अभी से विपक्षियों की छटपटाहट दिखने लगी है. बिहार में खासकर जेडीयू, राजद और कांग्रेस की ओर से आते तरह-तरह के बयानों से सियासत गर्म है. जाहिर है, यूपी विधानसभा के नतीजों ने राजद और जदयू की नीन्दें उड़ा दी हैं.
पहले लालू ने ट्वीट करके कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों को एक साथ आने को कहा. लालू ने तो ये तक कह दिया कि अभी मौका है एक हो जाओ नहीं तो कहीं के नहीं रहोगे. लालू के इस बयान से उनकी बेचैनी साफ दिखने लगी है. इधर बीजेपी लगातार ये कह रही है कि साल 2024 तक पीएम पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है.
इसके तुरंत बाद सीएम नीतीश कुमार ने भी सभी विपक्षी दलों को एक साथ आने की सलाह दी है. नीतीश कुमार ने कहा कि बेहतर हो कि जल्द से जल्द इसपर काम शुरू हो. और सबसे बड़ी पार्टी के रुप में कांग्रेस को इसे लीड करना चाहिए. लेकिन पीएम के चेहरे को लेकर उन्होंने गोल-मोल जवाब दे दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि पहले एक साथ आने दीजिए. पीएम के लिए तो देश में कई चेहरे हैं.
अब जदयू ने साफ कर दिया कि विपक्ष को नीतीश के नेतृत्व में एकजुट होना चाहिए, तभी मोदी का मुकाबला कर पाएंगे. राजद इसे लेकर तैयार नजर आ रहा है, लेकिन कांग्रेस इस मामले में कोई समझौता करने को तैयार नहीं दिखता. इसकी वजह भी है. एक तो राहुल गांधी का कद और दूसरा हाल के पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा के नतीजों से कांग्रेस को कहीं ना कहीं उम्मीदें नजर आ रही हैं.
कांग्रेस नेता मानते हैं कि विपक्ष को कांग्रेस के साथ आना चाहिए और राहुल गांधी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ना चाहिए. कांग्रेस राहुल गांधी के अलावा किसी और चेहरे को सामने करके चुनाव में आगे नहीं आना चाहती.ऐसे में विपक्षी एकता फिलहाल दूर की कौड़ी नजर आ रही है. अब देखना होगा कि नीतीश और लालू के आह्वान पर कितने दल उनके साथ आते हैं और ये दल कितनी दूर तक एक-दूसरे का साथ निभा पाते हैं. क्योंकि पिछले 20 साल में अब तक तीसरे मोर्चे का प्रयास आज तक जमीन पर नहीं आ पाया है.