‘अपनी गलतियों का प्रायश्चित कर रहे नीतीश’

आपने शायद सुनी हो जगजीत सिंह की वो ग़ज़ल- ‘तुमने बदले हमसे गिन-गिन कर लिए’  




CM ने पहले लौटा दिया था चेक, फिर अब कैसे कर लिया रिसीव! ये सवाल सबके जेहन में है. वर्ष 2008 में बिहार में कोसी  की बाढ़ और इससे हुई तबाही का मजर आज भी लोगों में सिहरन पैदा कर देता है. तब बिहार को ज्यादा जरुरत थी मदद की. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तथाकथित राजनीतिक कारणों से ये चेक लौटा दिया था. पोस्टर विवाद और भोज कैंसिल करने का मामला तब बेहद चर्चा में था.

अब उतनी ही राशि का चेक फिर से गुजरात सरकार ने भेजा और इसे नीतीश ने सहर्ष स्वीकार कर लिया. मुद्दा तो है. खासकर विपक्षी दलों को तो बड़ा मुद्दा मिल गया. हालत ये है कि जदयू के प्रवक्ताओं को जवाब देते नहीं बन रहा है. इधर बिहार बीजेपी के नेता इसे वक्त-वक्त की बात बताते हुए मन ही मन मजे ले रहे हैं.

विशेषज्ञों की मानें तो नीतीश के बदले मिजाज और बीजेपी के रंग में रंगने के कारण अभी काफी कुछ देखना बाकी है. इसके पीछे जाहिर है बदली राजनीतिक परिस्थितियां हैं. लेकिन इन सबसे बढ़कर नीतीश कुमार की वो गलतियां हैं जो उन्होंने जानते-बूझते या फिर तब के हालात में मजबूरी में की. उनकी सबसे बड़ी गलती थी पहले वर्ष 2013 में बीजेपी से एकाएक नाता तोड़ना, फिर साल 2014 में एकाएक इस्तीफा देकर मांझी को सीएम बनाना और साल 2015 में राजद के साथ चुनाव लड़ना. जब राजद के साथ रहकर उनकी पार्टी की भद्द पिटने लगी तो उन्होंने अपनी गलतियों का प्रायश्चित करते हुए फिर से NDA की राह पकड़ ली.

अब वे एक-एक करके अपनी पुरानी गलतियों का प्रायश्चित कर रहे हैं. सरकार बने बमुश्किल एक महीना ही हुआ है. लेकिन इसी दौरान तीन बड़ी राजनीतिक घटनाओं ने विशेषज्ञों को भी ऐसा सोचने को मजबूर कर दिया है.

  1. बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए पटना आने वाले पीएम मोदी नीतीश के साथ भोज करने वाले थे. लेकिन आखिरी वक्त में पीएम ने पटना की बजाय पूर्णिया जाने का प्रोग्राम बना दिया और वहां से बिना चाय तक पीये वे वापस दिल्ली लौट गए.

2. केन्द्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से जदयू को अलग रखा गया. आखिरी वक्त तक जदयू के मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

3. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए गुजरात सरकार ने फिर से 5 करोड़ का चेक भेजा जो नीतीश कुमार ने रिसीव कर लिया.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को गुजरात के राजस्व मंत्री भूपेंद्र सिंह चुड़सामा से बाढ़ सहायता के रूप में 5 करोड़ रुपए का चेक प्राप्त किया. पूर्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पैसे लौटाने के सवाल पर भूपेंद्र सिंह चुड़सामा ने कहा कि समय परिवर्तनशील और बलवान होता है. राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि इस घटना के सात साल बाद भी गुजरात सरकार उसी राशि के साथ आई है. कम से कम उन्हें महंगाई का ध्यान रखना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वह जानबूझकर उतनी ही राशि का चेक लाए हैं, जो 2010 में नीतीश ने लौटा दिया था. जाहिर है अभी तो एक ही महीना हुआ है. मोदी ने नीतीश से गिन-गिन कर उन्हीं के अंदाज में बदले लिए हैं.


तीन बड़े मामलों में तो पीएम मोदी ने नीतीश से हिसाब बराबर कर लिया. अब इंतजार है अगले स्ट्राइक का. वैसे इतना तो तय है कि जल्द ही जदयू अपने कोटे के हिसाब से केन्द्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनेगा.

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