राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद की तरफदारी पर जदयू और राजद में ठन गई है. 22 जून को दिल्ली में विपक्ष द्वारा मीरा कुमार को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद लालू ने नीतीश को परोक्ष रुप से खरी खोटी सुनाई थी. लालू ने कहा था कि वे पटना जाकर नीतीश कुमार को अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहेंगे. वे नीतीश से कहेंगे कि रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर वे ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं.
अब आखिरकार शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू के इस बयान पर अपना मुंह खोला. लालू के घर इफ्तार पार्टी के बाद नीतीश कुमार ने कांग्रेस और लालू पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने सीधा सवाल किया कि जब 2 बार कांग्रेस के पास बहुमत था तब कांग्रेस को बिहार की बेटी की याद नहीं आई. कांग्रेस ने एक बार प्रतिभा पाटिल को तो दूसरी बार प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाया. अब जबकि हार तय है तो कांग्रेस को बिहार की बेटी की याद आई है. क्या बिहार की बेटी (मीरा कुमार) काे हारने के लिए राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाया गया है?
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की इफ्तार पार्टी के बाद मीडिया से मुखातिब नीतीश ने राष्ट्रपति पद के लिए मीरा कुमार की उम्मीदवारी को विपक्ष की बड़ी भूल बताया. सीएम ने कहा कि उन्हें हारने के लिए उम्मीदवार बनाया गया है. नीतीश ने कहा कि रामनाथ काेविंद ने बिहार के राज्यपाल के रूप में निष्पक्षता के साथ सराहनीय कार्य किया है. बिहार के राज्यपाल सीधे राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. यह प्रसन्नता की बात है. इसपर सोच-समझकर जदयू ने उन्हें समर्थन दिया है.
नीतीश ने कहा कि विपक्ष को चाहिए कि वह 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाए और जीत दर्जकर मीरा कुमार को अगले राष्ट्रपति चुनाव का प्रत्याशी जीतने के लिए बनाए. नीतीश ने लालू के ऐतिहासिक भूल वाले बयान पर कहा कि अगर ये मेरी ऐतिहासिक भूल है… तो करने दीजिए.
इधर इसके तुरंत बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बिना जंग लड़े हार कैसे हो गई. अभी को चुनाव बाकी है.