मुख्यमंत्री ने राज्य में मूसलाधार बारिश से उत्पन्न स्थिति पर उच्चस्तरीय बैठक की
इस परिस्थिति में लोगों को अपने मन और हौसले को बुलंद रखना पड़ेगा
प्रशासन हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिये तत्पर
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम जलजमाव वाले क्षेत्रों में तैनात
पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | रविवार 29 सितम्बर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरदार पटेल भवन में आपदा प्रबधन विभाग स्थित अपने कक्ष में राज्य में मूसलाधार बारिश से उत्पन्न स्थिति पर उच्चस्तरीय बैठक की. मूसलाधार बारिश के कारण पटना मे जलजमाव वाले क्षेत्रों में लोगों को हो रही परेशानी से निजात दिलाने के लिये किये जा रहे राहत कार्यों के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी. उन्होने बताया कि राजेन्द्र नगर एरिया में छात्र-छात्राओं को छात्रावासों से बाहर निकाला गया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को जलजमाव वाले क्षेत्रों में तैनात किया गया है. ग्राउंड फ्लोर के लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है. लोगों को बाहर निकालने के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं. दूध की जरूरतों को पूरा करने के लिये 6 जगहों पर सुधा का बूथ खुले रखने का इंतजाम किये गये हैं. पीने के पानी के लिये 50 टैंकर की व्यवस्था की गयी है. दो लाख पीने के पानी के बोतल के इंतजाम किये गये हैं. 6 स्कूलों में रिलीफ कैम्प का इंतजाम किया जा रहा है और वहाॅ खाने की व्यवस्था भी की जा रही है.
बैठक के बाद पत्रकारों से की बातचीत
मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि पर्यावरण के असंतुलन के चलते जलवायु में परिवर्तन हो रहा है. इसी कारण शुरू में हेवी रेन और बाढ़ की स्थिति आयी. बाद में बहुत जगह पानी की कमी और सूखे की स्थिति हो गयी. अब पाॅच-छह दिनों से लगातार बारिश हो रही है और अभी यह कहा नहीं सकता कि आगे वर्षा की स्थिति क्या रहेगी. ये बारिश कब खत्म होगी, इसके बारे में मौसम विज्ञान वाले भी सटीक जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि यह वर्षा जो शुरू हुयी है, कम से कम तीन दिन तक तो चलेगा ही.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आपदा प्रबधन विभाग और जिला का प्रशासन तंत्र एकजुट होकर लगे हुये हैं. उन्होंने कहा कि पटना में सिर्फ राजेन्द्र नगर ही नहीं बल्कि अनेक जगहों पर पानी घुस गया है. अभी जिस तरह की स्थिति बनी हुयी है, उसमें यदि दक्षिणी छोर से पुनपुन नदी का जलस्तर बढ़ गया तो फिर पटना के सभी इलाकों में पानी घुस जायेगा. लेकिन यह भी एक अनुमान ही है. फिर भी हर स्थिति के लिये सरकार सतर्क हैं और निरंतर इस ओर काम किया जा रहा हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि राजधानी में पानी से घिरे लोगों को निकालना, लोगों को पीने के पानी का इतंजाम करना, दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करना आदि हर संभव उपाय किये जा रहे हैं.नीतीश ने आगे कहा कि ये तो मौसम की बात है कि सूखे की स्थिति के बाद सीधे बाढ़ की स्थिति आ गयी है. सरकार पूरे तौर पर पीड़ित लोगों की हर संभव सहायता कर रहे हैं. केवल पटना या शहरी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डीएम बिल्कुल स्पाॅट पर हैं और राहत काम में लगे हैं. सरकार कम्यूनिटी किचन का इंतजाम कर रही है. रीलीफ कैम्प का भी इंतजाम हुआ है. उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में लोगों को अपने मन और हौसले को बुलंद रखना पड़ेगा. प्रशासन हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिये तत्पर है. “जल-जीवन-हरियाली अभियान” की शुरूआत हमलोग पर्यावरण संरक्षण के लिये कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां भी तटबंध हैं उसके लिये जल संसाधन विभाग हर जगह चीजों को माॅनीटर कर रहा है. मुख्यमंत्री ने अपील की कि सभी लोग हिम्मत से काम लें क्योंकि जो कुछ भी हो रहा है, यह नेचर का है और उसके लिये हरसंभव प्रयास किया जा रहा है.
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांंडे, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अपर सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय चन्द्रशेखर सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे.