CM नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना के गांधी मैदान में 23वें पटना पुस्तक मेले का उद्घाटन किया. सीएम ने कहा कि बिहार के लोगों की पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों में दिलचस्पी रही है. यहां के लोग सजग और सक्रिय हैं. यह इस बात का सबूत है कि पुस्तकों की बिक्री के मामले में पटना पुस्तक मेला देश में अग्रणी स्थान पर है. देश में आयोदित अन्य पुस्तक मेला की अपेक्षा पटना पुस्तक मेला में पुस्तकों की बिक्री का पहला स्थान रहा है. यहां पुस्तक मेला में बाहर से भी लोग आते हैं.
पुस्तक मेले के उद्घाटन के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने पद्म पुरस्कार से सम्मानित मधुबनी पेंटर बउआ देवी की कलाकृति फूल में कूची से रंग भरा और नीचे अपना ऑटोग्राफ दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तक मेला जनचेतना के संचार का माध्यम भी होना चाहिये. पुस्तक मेला में बड़े विद्वान इकट्ठा होंगे, उनके बीच वाद-विवाद होगा, संगोष्ठी का आयोजन होगा. इस मेले का एक पक्ष यह भी होना चाहिये कि लोग पुस्तकें पढ़े, सीखें और पुस्तकों में लिखी गई बातों की मूल भावना को अंगीकार करें, इससे जनचेतना का प्रसार होगा और बिहार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 25वां पुस्तक मेला का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया जाये, सरकार के स्तर से जो भी सहयोग की अपेक्षा होगी, पूरा किया जायेगा.
इस अवसर पर सीआरडी संस्था के संस्थापक एनके झा, आयोजन समिति के अध्यक्ष एचएन गुलाटी, समिति के संयोजक अमित कुमार, सचिव अमरेन्द्र कुमार झा, वरिष्ठ साहित्यकार और कवि सत्यनारायण, युवा साहित्यकार रत्नेश्वर के साथ अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे. बता दें कि पुस्तक मेला का आयोजन सेन्टर फाॅर रीडरशिप डेवलपमेंट (CRD) की ओर से किया गया है.