ये शुक्रवार रहेगा हंगामेदार

ये हम नहीं कह रहे. राजद नेताओं ने नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले यही संकेत दिए हैं. राजद नेता भाई वीरेन्द्र ने कहा है कि उनकी पार्टी गुप्त मतदान के जरिए बपहुमत परीक्षण की मांग करेगी. इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. भाई वीरेन्द्र ने ये भी कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो फिर हंगामा तय है. इधर राजद प्रवक्ता मनोज झा ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं.




बता दें कि शुक्रवार 28 जुलाई को बिहार विधानसभा की विशेष बैठक बुलाई गई है जिसमें नीतीश कुमार बहुमत साबित करेंगे. नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ मिलकर सरकार बनाई है. नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन का पत्र भी सौंपा है. बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए, लिहाजा माना जा रहा है कि नीतीश सरकार आसानी से विश्वास मत हासिल कर लेगी. लेकिन राजद ने कड़ी टक्कर देने की घोषणा की है. राजद का दावा है कि जदयू के कई विधायक नीतीश के खिलाफ वोट करेंगे. इसके अलावा राजद के पास माले और कांग्रेस विधायकों का समर्थन भी है.

इसलिए शुक्रवार का दिन बिहार की राजनीति के लिए अहम माना जा रहा है. इधर नीतीश के बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद जदयू के अंदर भी कलह सामने आ गई है. जदयू सांसद अली अनवर ने खुलकर इसका विरोध किया है जबकि शरद यादव भी नाराज हैं. इसके अलावा जदयू नेता अरुण सिन्हा और केरल से जदयू के राज्यसभा सांसद वीरेन्द्र कुमार ने भी  इस फैसले का विरोध किया है. इसलिए नीतीश कुमार के लिए भी आने वाले कुछ दिन काफी मुश्किल भरे हो सकते हैं.

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