पूरे देश में आजकल एक चर्चा आम है. चर्चा ये कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए. लोग चाहते हैं कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ बिहार विधानसभा का चुनाव भी हो. बिहार की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल वर्ष 2020 में पूरा होगा.
पटना में आज लोक संवाद के बाद पत्रकारों से बातचीत में लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ कराने से नीतीश ने साफ इनकार कर दिया. सीएम ने कहा कि वे लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव साथ कराने के पक्ष में हैं लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन करने की जरूरत होगी. उन्होने कहा कि 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ साथ होते थे लेकिन बाद में राजनीतिक अस्थिरता के कारण इसमें बदलाव हो गया. उन्होंने कहा कि मैं सैद्धांतिक तौर से पीएम नरेंद्र मोदी के इस विचार से समहत हूं. अगर राजनीतिक पार्टियों में सहमति हो तो इसे 2024 से लागू किया जा सकता है.