ब्रिटेन की हालात पर जताई चिंता
ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के 14 हजार से ज्यादा मामले
हर सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग संभव नहीं
भारत के 12 राज्यों में नए वैरिएंट के 113 केस
संक्रमण दर को बढ़ाएगा ठंडा मौसम
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में चिंता जाहिर की है. मीडिया से बात करते हुए डॉ पॉल ने कहा कि अगर हम ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के संक्रमण का पैमाना देखें और भारत की आबादी से उसकी तुलना करें तो कहा जा सकता है कि संक्रमण फैलने पर भारत में रोजाना 14 लाख केस आएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हर केस की जीनोम सीक्वेंसिग नहीं की जा सकेगी.
डॉ पॉल ने कहा कि कोरोना के बढ़ते केस के लिए ओमिक्रॉन संक्रमण माना जा रहा है, लेकिन यह इसे लेकर अभी सारी बातें साफ नहीं हुई हैं. इस पर रिसर्च जारी है और सरकार सभी नए डेवलपमेंट पर नजर बनाए हुए है. ऐसा कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन स्ट्रेन हल्का इंफेक्शन ही फैलाता है. उन्होंने यूरोप में ओमिक्रॉन के संक्रमण की रफ्तार को हाईलाइट किया और भारत की आबादी से उसकी तुलना की.
डॉ. पॉल ने कहा कि दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है और इसे लगातार बढ़ाया ही जा रहा है. उन्होंने कहा कि हर केस की जीनोम सीक्वेंसिंग करना संभव नहीं होगा. यह बीमारी को पहचानने का नहीं, बल्कि महामारी का आंकलन और इसकी निगरानी करने का टूल है. हम इस बात का भरोसा दिला सकते हैं कि फिलहाल पर्याप्त सिस्टेमैटिक सैंपलिंग की जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि भारत में अब तक 12 राज्यों में 113 ओमिक्रॉन केस मिले हैं. शुक्रवार को 26 केस दर्ज कराए गए. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 40 केस हैं, इसके बाद दिल्ली में 22, राजस्थान में 17, तेलंगाना और कर्नाटक में 8-8, गुजरात में 7, केरल में 5, उत्तर प्रदेश में 2 और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और चंड़ीगढ़ में 1-1 मामले मिले हैं.
लव अग्रवाल ने बताया कि डब्लूएचओ के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा स्ट्रेन के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से पांव पसार रहा है. दूसरे शब्दों में कहें तो ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है.
वीके पॉल ने कहा कि हालांकि यूरोप में लोगों के भर्ती होने की दर बहुत कम है और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई दबाव नहीं है, फिर भी हालात डरावने हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमें ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए. ठंडा मौसम भी वायरस का संक्रमण फैलाने में मददगार साबित होगा. हालांकि अभी हालात स्थिर हैं, लेकिन हमें सावधानी बरतनी चाहिए.
डब्लूएचओ एडवाइजरी का हवाला देते हुए देश की स्वास्थ्य संस्थाओं ने लोगों से अपील की है कि वे ओमिक्रॉन को हल्का मानकर उसके प्रति लापरवाह न हो जाएं, क्योंकि ओमिक्रॉन से जुड़े सारे तथ्य सामने नहीं आए हैं. उन पर रिसर्च जारी है.आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने बताया कि ओमिक्रॉन बहुत तेजी से दुनिया में फैल रहा है. लोगों को सतर्कता बरतते हुए गैरजरूरी यात्रा और भीड़भाड़ से परहेज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं, या यूं कहें कि जो 5% से ज्यादा पॉजिटिव केस वाले जिले हैं, वे कड़े उपाय लागू करें.
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