निराला और नागार्जुन जनता के कवि थे : आलोक धन्वा

सी आर डी पटना पुस्तक 2023 मेले में जुट रहे दिग्गज

यथार्थ की पहचान करने में भटक जा रहे आज के लेखक




नई किताब :- मुलाकातें
पुस्तक मेला में आज नई किताब के दौरान सुप्रसिद्ध कवि आलोक धन्वा से कवि नरेंद्र कुमार ने बातचीत की.कवि आलोक धन्वा ने कहा कि निराला और नागार्जुन जनता के कवि थे. उनकी कविताओं में आम जनता का प्रतिरोध और संघर्ष रहता था. भारत भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अपने समय के सभी लेखकों से परिचित थे. प्रगतिशील लेखक संघ बनाने में नेहरू का समर्थन था. आज पूरे विश्व में युद्ध का माहौल है.

युवा कवि नरेंद्र कुमार ने कहा कि आलोक धन्वा कहा कि प्रथम कविता जनता का आदमी लिखे हुए 50 वर्ष बीत चुके हैं. इसी उत्तराखंड का पहला संग्रह दुनिया रोज बनती है के 25 वर्ष बीत चुके हैं. इस लंबे अंतराल के बाद नए कविता संग्राम मुलाकातें के प्रकाशित होने पर कवि कैसा महसूस कर रहे हैं और इस अंतराल के बाद उनके काव्य क्रम में क्या परिवर्तन आए हैं. आज अभिव्यक्ति के खतरे किस तरह बढ़ गए हैं एवं यथार्थ की पहचान करने में आज के लेखक भटक जा रहे हैं.

रवीन्द्र भारती

By pnc

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