एनआईओएस से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन का सर्टिफिकेट लेने वाले शिक्षकों के लिए 20 मई का दिन यादगार हो गया. पिछले साल शिक्षा विभाग को एनसीटीई ने एक पत्र भेजकर इन शिक्षकों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए थे. तबसे बिहार के निजी स्कूलों के करीब ढाई लाख शिक्षक हर दिन शिक्षा विभाग और एनसीटीई के बीच बने हुए थे. आखिरकार अब एनसीटीई ने इन्हें केंद्र सरकार के हस्तक्षेप पर ‘पूर्ण शिक्षक’ का दर्जा दे दिया है.
एनसीटीई ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस पत्र के जरिए स्पष्ट कर दिया है कि वे पटना हाईकोर्ट के इस संबंध में दिए गए फैसले का सम्मान करेंगे. NCTE ने यहां तक लिखा है कि इस फैसले में केंद्र सरकार के मानव संसाधन विभाग का अनुमोदन प्राप्त है, इसलिए अब बिहार के शिक्षा विभाग को इस मामले में आगे कार्रवाई करनी चाहिए. आगे कार्रवाई का मतलब साफ है कि बिहार में प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन में एनआईओएस डीएलएड शिक्षक शामिल हो सकते हैं. इस बारे में हालांकि आज शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. सूत्रों के मुताबिक 21 मई को इस बारे में शिक्षा विभाग के आला अधिकारी कोई फैसला ले सकते हैं.
इधर एनआईओएस शिक्षक संघ के नेता पप्पू कुमार ने केंद्र सरकार के इस फैसले का सम्मान किया है और बिहार सरकार से गुहार लगाई है कि शिक्षक नियोजन प्रक्रिया का छठा चरण जो स्टॉप किया गया उसको पुनः शुरू किया जाए और एनआईओएस डीएलएड शिक्षक को एक महीना आवेदन करने का मौका दिया जाए.
राजेश तिवारी