पटना।। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन करने वाले शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी कर ली है. एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड से जुड़े एक मामले में एनआईओएस डीएलएड को लेकर जो सुनवाई हुई उसमें बिहार के अभ्यर्थी अपना पक्ष नहीं रख पाए जिसकी वजह से भविष्य में होने वाली बहालियों में उन्हें वंचित होना पड़ सकता है.
आपको याद दिला दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उत्तराखंड से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है कि एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों की डिग्री रेगुलर डी एल एड के बराबर नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थी पुनर्विचार याचिका के लिए तैयार हैं. इन अभ्यर्थियों का मानना है कि केंद्र सरकार के आदेश पर एनआईओएस ने एनसीटीई की सहमति से उन्हें 2 साल का डीएलएड करने का मौका दिया था.
प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ एनआईओएस ने विज्ञापन जारी किया था जिसमें यह साफ-साफ कहा गया था कि यह डिप्लोमा 2 साल का है. इस बात की पुष्टि एन आइओएस के तत्कालीन चेयरमैन सी बी शर्मा ने भी की है. उन्होंने फिर से कहा कि ये डिप्लोमा सभी बहालियों के लिए पूरी तरह वैध है.
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