पटना।। एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों ने केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी और उनकी डिग्री के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया है.
पटना में एक बैठक में शामिल हुए सरकारी और निजी स्कूलों में कार्यरत डीएलएड शिक्षकों ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने सही कदम उठाया होता तो हमें यह दिन देखना नहीं पड़ता. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनआईओएस से डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन की डिग्री पाने वाले अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस डिग्री को सामान्य डिग्री मानने से इनकार करने का आदेश जारी किया है. इसके बाद भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में एनआईओएस डीएलएड डिग्री अमान्य हो गई है. यही नहीं वर्तमान में विभिन्न जगहों पर शिक्षक की नौकरी कर रहे एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो सकता है.
एनआइओएस शिक्षकों का कहना है कि 7 साल पहले वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन करने का मौका सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को दिया था. केन्द्र सरकार के आह्वान पर ही लाखों शिक्षकों ने वर्ष 2017 से 2019 के बीच इस कोर्स पूरा किया. केन्द्र सरकार और एन आइओएस ने तब इस डिग्री को पूरी तरह सामान्य डिग्री करार दिया था. लेकिन पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये डिग्री अमान्य हो गई है जिससे सारे शिक्षक आक्रोश में हैं. ये शिक्षक केन्द्र सरकार को भला बुरा कह रहे हैं.
बता दें कि वर्ष 2017-19 में 14 लाख अभ्यर्थियों को पूरे देश में यह डिप्लोमा कराया गया था. आज डिग्री अमान्य होने से एक करोड़ परिवार के घर में संकट की स्थिति है. 14 लाख अभ्यर्थियों की डिग्री अमन होने से यह सभी अभ्यर्थी सड़क पर आ गए हैं और इनका जीवन जीविका दोनों संकट में है
ये अभ्यर्थी केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं. शिक्षक इसमें जो कमी रह गई है उसे दूर करने की मांग कर रहे हैं.
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