महिलाओं में दिखा देवी दुर्गा के रूपों का क्रेज
देवी मां दुर्गा नौ रूपों विशेष महत्व है उनकी पूजा करने से जीवन में सक्ति का संचार होता है. इसके बाद जब आप सक्ति और उर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ते हैं और हर कार्य करने में सफलता हासिल होती है. इसीलिए जरूरी है कि भक्त,तन और मन को पवित्र कर मां की पूजा अर्चना करें. नवदुर्गा की पूजा शुरू करने से पहले क्लश स्थापित किया जाता है. ब्यूटिशियन वर्षा खान ने कहा कि नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नव रूपों का मन में स्थापना बहुत जरुरी है जिससे शक्ति मिलती है.
ब्लौसम ब्यूटी क्लिनिक एन्ड स्पा एकेडमी आरा में वर्षा खान के निर्देशन में उनके स्टूडेंट्स के द्वारा मां दुर्गा नौ रूपों का मेकअप कर तैयार किया मां दुर्गा की रूपों की भी दी. मां दुर्गा का प्रथम रूप है शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म होने से इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. मां दुर्गा का द्वितीय रूप ब्रह्मचारिणी हैं. मां दुर्गा का तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा है. इनकी आराधना तृतीय को की जाती है. इनकी उपासना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है.कुष्मांडा-चतुथी के दिन मां कुष्मांडा की आराधना की जाती है. स्कंदमाता-नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है.
मां दुर्गा का छठवां रूप कात्यायनी है. छ्ठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है.मां कालरात्रि नवरात्रि की सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की आराधना का विधान है. देवी का आठवां रूप मां गौरी है. इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है इनका पूजा सारा संसार करता है. सिद्धिदात्री मां की आराधना नवरात्रि की नवमी के दिन किया जाता है.मां दुर्गा के रूप में सितल कुमारी,अमिता कुमारी, शालु कुमारी,पल्लवी भारती, अनिता कुमारी चन्दा केशरी, सुमन देवी, निशा कुमारी अनामिका कुमारी, सुनिता कुमारी, रेशमा खातुन,सिदरह फातमा नेहारानी झा, अमित कुमार अन्य लोगों उपस्थित थीं.
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