न स्विगी, न जोमैटो, बच्चों को खिलाएं मां के हाथ का टेस्टी खाना-केरल हाई कोर्ट




जब केरल हाई कोर्ट ने माता-पिता को दी  सलाह

बच्चों के लिए मोबाइल फोन के खतरे से भी आगाह किया

बच्चों को खेलने के मैदान में भेजें

केरल हाई कोर्ट ने पोर्नोग्राफी से संबंधित अपराध के एक मामले की सुनवाई करते हुए बच्चों के लिए घर के बने खाने को अहमियत को उजागर किया और माता-पिता को सलाह दी कि वह बच्चों को स्विगी और जोमैटो के माध्यम से रेस्तरां से खाना ऑर्डर करने से रोकें.लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक आरोप को खारिज कर दिया, जिसे पुलिस ने अपने मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखने के लिए सड़क किनारे से गिरफ्तार किया था.

कोर्ट ने कहा कि दूसरों के साथ शेयर किए बिना अकेले में अश्लील वीडियो देखना भारतीय दंड संहिता की धारा 292 के तहत अपराध नहीं माना जाएगा. न्यायमूर्ति पीवी कुन्हिकृष्णन ने अपने फैसले में माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को स्विगी और जोमैटो जैसे मोबाइल ऐप से खाना ऑर्डर करने की अनुमति देने के बजाय बाहर खेलने और मां के हाथ का बना स्वादिष्ट भोजन खाने के लिए प्रेरित करें.हाई कोर्ट ने कहाकि  स्विगी और जोमैटो के माध्यम से रेस्तरां से खाना खरीदने के बजाय, बच्चों को उनकी मां के बनाए गए स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेने दें. माता-पिता बच्चों को खेलने के लिए मैदान में जाने दें और फिर मां के भोजन की मंत्रमुग्ध कर देने वाली खुशबू से घर उन्हें वापस घर बुलाएं.

By pnc

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