पटना (राजेश तिवारी की रिपोर्ट) | बुधवार 6 जून को बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सभागार में इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2018 के रिजल्ट की घोषणा की गई. परीक्षाफल को समिति की वेबसाइट www.bsebssresult.com/bseb/ तथा biharboardonline.bihar.gov.in एवं biharboardonline.in पर जारी किया गया.
इस परीक्षा में साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों संकायों को मिलाकर कुल 52.95 प्रतिशत विद्यार्थी सफल घोषित किए गए हैं जो पिछले साल की तुलना में 17.71 प्रतिशत ज्यादा है. इस बार कुल 11,92,053 विद्यार्थी इंटर की वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित हए थे जिसमें 7,10,412 छात्र तथा 4,81,641 छात्राएं थी. उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए कुल 12,07,975 (7,21,387 छात्र तथा 4,86,588 छात्राएं) विद्यार्थियों ने फॉर्म भरा था. इस बार परीक्षा में कुल 15,922 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे थे तथा कुल 1,009 विद्यार्थियों को कदाचार के आरोप में निष्कासित किया गया था.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कहा कि इस वर्ष के परीक्षाफल में विशेष उल्लेखनीय यह है कि इंटरमीडिएट के तीनो संकायों यथा विज्ञान, कला एवं वाणिज्य के परीक्षाफल में लड़कियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि इस परीक्षा में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 1 लाख रूपये, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 75 हजार रूपया तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 50 हजार रूपया दिया जायेगा. साथ ही, उन्हें एक-एक लैपटॉप एवं Kindle E-Reader भी दिया जायेगा. इसके अतिरिक्त इस परीक्षा में चतुर्थ एवं पंचम स्थान प्राप्त करने परीक्षार्थियों को 15 हजार रूपये तथा लैपटॉप दिया जायेगा.
नीट (NEET) टॉपर का इंटर सायंस टॉप करने पर विवाद
नीट और इंटर साइंस की टॉपर कल्पना के एक ही समय में दो जगहों (बिहार के एक स्कूल में तथा दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान) पर पढाई करने को लेकर एक सवाल उठ रहा था जिसपर बोर्ड ने अपनी सफाई दे दी है. सवाल यह उठ रहा था कि दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाई करके नीट टॉपर बनने वाली कल्पना ने बिहार के किस सरकारी स्कूल में कितने दिन क्लास किया और बिहार बोर्ड कितनी उपस्थिति वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने देता है. ये सवाल टॉपर की योग्यता पर नहीं होकर बोर्ड के सिस्टम से था. इस सम्बन्ध में सचिव, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की नियमावली में विद्यालयों में न्यूनतम उपस्थिति के सम्बन्ध में कोई प्रावधान नहीं है.
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