पटना/नई दिल्ली । बीते 23 जनवरी को दावोस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ल्ड इकाॅनाॅमिक फोरम को उद्घाटन भाषण के साथ संबोधित किया था. इसके एक सप्ताह के अंदर ही पीएनबी घोटाला सामने आया और शुरू हुआ एक विवाद. घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी दावोस में पीएम मोदी के साथ गए प्रतिनिधि मण्डल की ग्रुप फोटोग्राफी में नजर आया था. घोटाला उजागर होने और ग्रुप फोटोग्राफी में नीरव मोदी की मौजूदगी के आधार पर ही बिना देर किए कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगा दिया कि वह पीएम के प्रतिनिधि मण्डल में शामिल था. हालांकि यह आरोप टिक नहीं पाया.
लेकिन यहाँ बात कुछ दूसरी है. उस इवेंट के 22 दिन पहले ही नीरव मोदी भारत से भाग चुका था. इसका जिक्र इसलिए जरूरी है क्योंकि भाजपा नेता सुब्रमणियम स्वामी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एयरसेल-मैक्सिस डील में 6 लाख करोड़ रूपये के घोटाले से संबंधित एक रिपोर्ट पेश करने वाले हैं. एयरसेल-मैक्सिस डील पर वित्त मंत्री की हैसियत में जो गाईडलाईन पी चिदम्बरम ने दिया उसके आधार पर वह डील तबतक फाइनल नहीं होती जबतक उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम को फायदा पहुंचाने का रास्ता खोला नहीं जाता. यह सब हुआ और वह 2 जी घोटाला सामने आया. एयरसेल सेल्यूलर लिमिटेड के प्रोजेक्ट चीफ मैनेजर कुलदीप मनहास ने यह सारी जानकारी सुब्रमणियम स्वामी से साझा की है. इसके सारे संबंधित दस्तावेज स्वामी के पास मौजूद हैं जिसे वह सुप्रीम कोर्ट में जमा करेंगे. इस मामले में शुरू से लगे स्वामी के प्रयासों का परिणाम सुप्रीम कोर्ट के नजरिए पर निर्भर करता है लेकिन नीरव मोदी प्रकरण को याद करते हुए यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे लोगों के पासपोर्ट शुरू में ही सुप्रीम कोर्ट में जमा करा दिए जाएं ताकि नीरव मोदी का प्रकरण दुहराया न जा सके.
(जानेमाने पत्रकार अनुभव सिन्हा का विश्लेष्ण)