नीरज चोपड़ा हर कदम पर रच रहे इतिहास




बुडापेस्ट में विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतकर नीरज चोपड़ा ने भारतीयों को गौरवान्वित किया


नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

इवेंट के 40 साल के इतिहास में पहली बार किसी भारतीय ने जीता सोना

पाकिस्तान के नदीम को सिल्वर

वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में नीरज ने  88.17 मीटर के अपने बेस्ट एफर्ट के साथ गोल्डन कामयाबी हासिल की। - Dainik Bhaskar

वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में नीरज ने 88.17 मीटर के अपने बेस्ट एफर्ट के साथ गोल्डन कामयाबी हासिल की.

ओलिंपिक में 120 साल में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने अब वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी इतिहास रच दिया है. नीरज ने बुडापेस्ट में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जेवलिन थ्रो का गोल्ड जीत लिया है। फाइनल में उन्होंने 88.17 मीटर के अपने बेस्ट एफर्ट के साथ गोल्डन कामयाबी हासिल की.

यह चैंपियनशिप 1983 से हो रही है और पहली बार किसी भारतीय एथलीट ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने सिल्वर जीता। उन्होंने 87.82 मीटर का बेस्ट एफर्ट निकाला.

वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में यह भारत का ओवरऑल तीसरा मेडल है. पिछले सीजन में नीरज ने सिल्वर जीता था। महिला लॉन्ग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज ने 20 साल पहले 2003 में पेरिस में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.

हरियाणा के एक गांव से भारतीय खेलों के सबसे बड़े सितारों में नाम दर्ज कराने तक का नीरज चोपड़ा सफर इतना गौरवमयी रहा है कि वह हर कदम पर एक नई विजयगाथा लिखते चले जा रहे हैं. नीरज ने अपना वजन कम करने के लिए खेलना शुरू किया था. उन्होंने भाला फेंक में हाथ आजमाने की सोची और बाकी इतिहास है, जिसे शायद स्कूल की किताबों में बच्चे भविष्य में पढ़ेंगे. दरअसल, बचपन में बेहद शरारती चोपड़ा संयुक्त परिवार में पले और लाड़ प्यार में वजन बढ़ गया. परिवार के जोर देने पर वजन कम करने के लिए उन्होंने खेलना शुरू किया. उनके चाचा उन्हें पानीपत के शिवाजी स्टेडियम ले जाते. उन्हें दौड़ने में मजा नहीं आता, लेकिन भाला फेंक से उन्हें प्यार हो गया.

दो साल पहले टोक्यो में उन्होंने ओलंपिक ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में भारत की झोली में पहला पीला तमगा डाला. उस समय उनकी उम्र सिर्फ 23 साल थी और महान निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले वह दूसरे भारतीय बने. खेलों के महासमर में एथलेटिक्स में लंबे समय से पदक का सपना संजोये बैठे भारत को रातोंरात मानो एक चमकता हुआ सितारा मिल गया. पूरा देश उसकी कामयाबी की चकाचौंध में डूब गया और यह सिलसिला बदस्तूर जारी है.

PNCDESK

By pnc

Related Post