पटना।। बिहार में सरकारी नौकरी देने का क्रेडिट लेने की होड़ कम नहीं हो रही. राजद सांसद संजय यादव ने कहा है कि 2020 विधानसभा चुनावों में तेजस्वी यादव ने बिहार के युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने का संकल्प लिया था जिसे उन्होंने पार्टी के घोषणा पत्र को “संकल्प-पत्र” का नाम देकर दोहराया था. संजय ने दावा किया कि तेजस्वी यादव के संकल्प ने चुनाव और चुनाव उपरांत हिंदू-मुसलमान की बायनेरी के बीच झूल रही तत्कालीन भारतीय राजनीति को नई दशा और दिशा प्रदान की.
संजय यादव ने कहा कि 2020 बिहार विधानसभा चुनावों के बाद नौकरी-रोजगार राजनीतिक विमर्श का केंद्र बिंदु बना. तीसरे चरण के मतदान से पूर्व 2 नवंबर 2020 को पार्टी कार्यालय में तेजस्वी ने नौकरी संवाद का आयोजन किया था. उसी 02 नवंबर 2023 के दिन तेजस्वी का संकल्प इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ जब एक ऐसा रिकार्ड जो भारत के इतिहास में पहले अंकित नहीं था. यह ऐसा ऐतिहासिक दिन था जब एक दिन में बिहार के एक ही विभाग (शिक्षा विभाग) में एक साथ एक लाख 20 हज़ार 336 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया.
राजद नेता ने आगे कहा कि यह तेजस्वी यादव की जिद थी जिसे चुनावों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बजट की अनुपलब्धता, क्या पैसा जेल से आएगा, कितनों को नौकरी देगा, पैसा क्या उसका बाप देगा इत्यादि कुतर्कों के बल पर असम्भव से भी असंभव घोषित कर चुके थे.
संजय यादव ने कहा कि अपनी नयी सोच, आत्मविश्वास और विजन से उन्हीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उपमुख्यमंत्री की हैसियत से तेजस्वी ने बड़े ही सजग, सहज और सरल तरीके से उसी असम्भव को संभव करा दिया. विकास के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और भविष्यद्रष्टा होना पड़ता है, जो सब के बस की बात नहीं.
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