मजदूर-किसानों की पीड़ा दिखी नाटक में

By pnc Sep 25, 2016

समाज को आइना दिखाता नुक्कड़ नाटक “बीस-बीस साठ”

कर्ज के बोझ तले कराह रहे मजदूर और किसानों की पीड़ा




खगौल में जागरूकता के साथ विकास के अपने मुहिम को आगे बढ़ाते हुए नुक्कड़ नाटक संवाद श्रृंखला की नई कड़ी में सोशल एक्शन फॉर डेवलपमेंट एंड अवेयरनेस के बैनर तले उदय कुमार द्वारा लिखित एवं निर्दशित नाटक “बीस-बीस साठ” का प्रदर्शन खगौल स्थित दानापुर रेलवे स्टेशन के बाहरी परिसर में किया गया. नाटक की शुरूआत “युग बदला, समय बदला, नहीं बदली किसानों की तकदीर” गीत से हुई.

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नाटक में कर्ज के बोझ तले कराह रहे मजदूर और किसानों की पीड़ा को दर्शाया गया है. किस तरह महाजनों के चंगुल में फंसा किसान जीवन भर कर्ज चुकाता रहता है, पर उसके सर पर चढ़ा कर्ज कभी उतर नहीं पाता. कर्ज चुकाने का सिलसिला पीढ़ियों चलता रहता है. पूंजीपति महाजन कहकहे लगाता है. किसान का घर, जमीन, मवेशी पर कब्जा कर लेता है और किसान अपने परिवार के साथ महाजन के घर मजदूरी करने पर विवश हो जाता है.कलाकारों में प्रेमराज, रोहित, रामनाथ, मनोज सिन्हा, शोयब कुरैशी, उदय कुमार, रंजन, विजय, शशिकांत, प्रदीप विश्वकर्मा मौजूद थे.

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