454 वोट पक्ष में पड़े, सिर्फ 2 विरोध में
शाह बोले- चुनाव के बाद परिसीमन-जनगणना होगी
ओवैशी की पार्टी ने किया बिल के विरोध में वोट
बिल पर पर्चियों के माध्यम से हुआ वोटिंग
महिलाओं के अधिकार की लंबी लड़ाई का अंत हुआ : अमित शाह
पीएम मोदी ने 50 % महिला शक्ति को उनका अधिकार दिलाया
संसद के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा युग बदलने वाला विधेयक
भाजपा के पास 85 सांसद ओबीसी
शाह बोले- चुनाव के बाद परिसीमन-जनगणना होगी
राजनीतिक फायदा नहीं महिलाओं को अधिकार देने वाला बिल
नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र का बुधवार 20 सितंबर को तीसरे दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पास हो गया. पर्ची से हुई वोटिंग में बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट डले. अब आज गुरुवार को यह बिल राज्यसभा में पेश होगा. वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए जाएगा. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा. बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे. राहुल गांधी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है, जबकि अमित शाह ने कहा कि यह आरक्षण सामान्य,एससी और एसटी में समान रूप से लागू होगा. चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिटिटेशन होगा और महिलाएं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी. विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आएगा.
अमित शाह ने कहा कि संविधान के संशोधित करने वाले 128 वें संशोधन पर बात करने के लिए मैं यहां खड़ा हूं. ये कहते ही विपक्ष का हंगामा शुरू कर दिया. इस पर शाह मुस्कुराते हुए राहुल गांधी की तरह बोले- डरो मत. शाह ने कहा- महिला आरक्षण बिल युग बदलने वाला विधेयक है. कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा. कल नए सदन का पहली बार श्री गणेश हुआ, कल गणेश चतुर्थी थी और पहली बार कई सालों से लंबित पड़े बिल को पास किया गया. देश में एससी-एसटी के लिए जितनी सीटें आरक्षित हैं, उनमें से भी 33 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी.
अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों के लिए महिला सशक्तिकरण चुनाव जीतने का मुद्दा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता मोदी के लिए यह मुद्दा राजनीति नहीं, बल्कि मान्यता का मुद्दा है. मोदी ने ही भाजपा में महिलाओं को पार्टी पदों पर 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाया. पीएम मोदी को देश की जनता ने सीएम के बाद प्रधानमंत्री बनाया . 30 साल बाद उनके नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार बनाई. उस समय फिर जाहिर सी बात है कि पीएम मोदी ने पीएम के पद से इस्तीफा दिया. उस समय मोदी के एकाउंट में जितना भी पैसा था, उन्होंने वर्ग 3 के कर्मचारियों और बेटियों के खाते में अपना पैसा भेज दिया था. आज दुनियाभर में विमान उड़ाने वाली महिलाओं की संख्या 5% है. भारत की इन महिलाओं की संख्या 15% है. यही महिला सशक्तीकरण है.
शाह बोले- पहली बार ये संविधान संशोधन नहीं आया. देवेगौड़ा जी से लेकर मनमोहन जी तक चार बार प्रयास हुए. क्या मंशा अधूरी थी? सबसे पहले इस पर प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के समय 12 सितंबर 1996 में संविधान संशोधन आया. कांग्रेस इस समय विपक्ष में थी. विधेयक को सदन में रखने के बाद गीता मुखर्जी की अध्यक्षता में समिति को दे दिया गया, लेकिन विधेयक सदन तक पहुंच ही नहीं पाया.जब 11वी लोकसभा आई तो विधेयक लैप्स हो गया. इसके बाद 12वीं लोकसभा अटल बिहारी वाजपेयी के समय बिल आया, लेकिन ये विलोपित हो गया. 13वीं लोकसभा में अटल जी के समय फिर बिल आया, लेकिन अनुच्छेद 107 के तहत बिल विलोपित हो गया. इसके बाद मनमोहन सिंह बिल लेकर आए, लेकिन बिल विलोपित हो गया. शाह ने कहा कि कोई पुराना बिल जीवित नहीं है. लोकसभा जब विघटित हो जाती है तो लंबित विधेयक विलोपित हो जाते हैं. शाह ने राहुल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि देश को सेक्रेटरी नहीं सरकार चलाती है. कैबिनेट चलाती है. हमारी पार्टी के 85 सांसद ओबीसी समुदाय से आते हैं. 29 मंत्री भी इसी समुदाय के हैं. सस्ते वादे करना तो कांग्रेस पार्टी का काम है. भाजपा तो काम करके देखती है. भाजपा के विधायक में भी ओबीसी की भागीदारी ज्यादा है, लेकिन कांग्रेस इस बात का जिक्र नहीं करेगी.