39 परीक्षार्थियों पर संकट छाया, किया प्रैक्टिकल परीक्षा का बहिष्कार

रजिस्ट्रेशन में बसडीहा एडमिट कार्ड में हो गया अमेहता कैसे?




कहा – जल्द सुधार कर पुनः भेजे जाएंगे बच्चों के सही रजिस्ट्रेशन व एडमिट कार्ड

आरा. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कारनामे जग जाहिर हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की गलतियों की वजह से इस बार फिर परीक्षार्थियों में कन्फ्यूजन है। कन्फ्यूजन इस बात से है कि बच्चे किस स्कूल के विद्यार्थी हैं। जी हां सुनते ही आप जिस तरह चौंके होंगे विद्यार्थियों में दिमाग में भी ऐसा ही कुछ हुआ होगा।

एडमिट कार्ड
रजिस्ट्रेशन कार्ड

दरअसल यह भौंचक करने वाला मामला पीरो प्रखंड के अगिआंव बाजार थाना क्षेत्र के बसडीहा गांव का है। गांव में स्थित मिडिल स्कूल अपग्रेड होकर हाई स्कूल में तब्दील हो गया। कोरोना काल में पढ़ाई तो नही हुई लेकिन इसमें नामांकन जरूर हुआ। अब जिन विद्यार्थियों ने मैट्रिक का फॉर्म भरा उनके रजिस्ट्रेशन कार्ड पर तो हाई स्कूल बसडीहा प्रिंट है लेकिन एडमिट कार्ड पर बसडीहा की जगह अमेहता प्रिंट हुआ है। बच्चे इसी वजह से परेशान हैं। उन्हे समझ में नहीं आ रहा है कि वे बसडीहा स्कूल के छात्र हैं या फिर अमेहता के!

स्कूल में जुटे अभिभावक
स्कूल में लगा बोर्ड जिसमे उसके शुभारंभ की तिथि अंकित है।

इसको लेकर बच्चों ने शिक्षकों से मुलाकात कर जब इस गलती को सुधारने के लिए कहा तो शिक्षकों ने अपना पलड़ा झाड़ते हुए इसे बोर्ड की गलती करार दिया। इस वजह से कुछ बच्चों ने एडमिट कार्ड लिया ही नही। गुरुवार से शुरू होने वाले बिहार बोर्ड के प्रैक्टिकल परीक्षा के दिन विद्यार्थियों का गुस्सा फूटा। विद्यार्थियों ने हंगामा करते हुए बहिष्कार किया जबकि मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए प्रैक्टिकल की तिथि 20-22 जनवरी तक निर्धारित की गई है।

हंगामे के बाद जब ये मामला मीडिया के समक्ष आया तो विद्यालय के हेडमास्टर मनोज तिवारी ने इसे बिहार बोर्ड की गलती बताते हुए कहा कि बिहार बोर्ड की वेबसाइट से एडमिट कार्ड डाउनलोड किये जाने पर गांव का नाम अमेहता प्रिंट हो रहा है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 39 छात्रों के रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फॉर्म दोनों कार्य बसडीहा के नाम पर ही किया गया था लेकिन दोनो जगह अलग अलग नाम प्रिंट हुआ है। उन्होंने कहा है कि बोर्ड द्वारा प्रैक्टिकल की निर्धारित तिथि 22 जनवरी तक है। जो छात्र टर्न अप नहीं होंगे, उन्हें अनुपस्थित कर दिया जाएगा। जिसकी सारी जवाबदेही छात्रों और अभिभावकों की होगी। उन्होंने गुरुवार को विद्यार्थियों के हंगामे को गंवई राजनीति बताया है।

क्या कहते हैं बच्चे और उनके अभिभावक

स्कूल कैंपस पहुंचे अभिभावक
स्कूल कैंपस में पहुंचे बच्चे और उनके अभिभावक

विद्यालय के विद्यार्थियों का आरोप है कि विद्यालय में कार्यरत अमेहता गांव निवासी शिक्षक की ओर से जान-बूझकर छात्रों के एडमिट कार्ड पर विद्यालय स्थल का नाम अमेहता प्रिंट करा दिया गया है ताकि अपग्रेड हाईस्कूल अमेहता स्थांतरित हो जाये। इसकी लिखित रूप से शिकायत भी छात्रों ने की है।रजिस्ट्रेशन कार्ड में 73416 रॉल कोड पर अपग्रेड हाईस्कूल बसडीहा प्रिंट है, जबकि एडमिट कार्ड में 73416 रॉल कोड पर अपग्रेड हाईस्कूल अमेहता प्रिंट है। छात्रों ने शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप कर कारगर कार्रवाई किये जाने का आग्रह किया है।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस मामले में जब पटना नाउ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से 2019 में सभी पंचायतों में प्राथमिक विद्यालयों को अपग्रेड कर हाई स्कूल में कन्वर्ट किया गया था। इस वजह से स्कूल का नाम गांवों के नाम पर ही हो गया। फिर बाद में विभाग की ओर से एक पत्र संबंधित विद्यालयों को भेजा गया जिसमें ऐसे अपग्रेड विद्यालयों का नाम पंचायत के नाम पर रखने को कहा गया। रजिस्ट्रेशन पहले हुआ है इसलिए उसमे गांव का नाम है जबकि बाद में विभाग की चिट्ठी के बाद स्कूल का नाम पंचायत के नाम पर कर दिया गया है उसके कारण एडमिट कार्ड पर पंचायत वाला ही नाम है। बच्चों को परीक्षा देने में कोई दिक्कत नही होगी।

उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से 2019 में सभी पंचायतों में प्राथमिक विद्यालयों को अपग्रेड कर हाई स्कूल में कन्वर्ट किया गया था। इस वजह से स्कूल का नाम गांवों के नाम पर ही हो गया। फिर बाद में विभाग की ओर से एक पत्र संबंधित विद्यालयों को भेजा गया जिसमें ऐसे अपग्रेड विद्यालयों का नाम पंचायत के नाम पर रखने को कहा गया। बच्चों को परीक्षा देने में कोई दिक्कत नही होगी।

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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